RAIPUR NEWS. पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय प्रदेश की सबसे पुरानी विश्वविद्यालय है। इसे शिक्षा के लिए जाना जाता है खास बात ये भी है कि यहां पर आज से पहले तक कभी भी भ्रष्टाचार या फिर किसी तरह की गड़बड़ी की खबर सामने नहीं आयी लेकिन मंगलवार को सामान्य प्रशासन विभाग के एक बाबू को एसीबी ने 30 हजार रुपये नगद रिश्वत लेते पकड़ा है। बताया जा रहा है कि ये रिश्वत पेंशन शुरू कराने के लिए रिटायर्ड कर्मचारी से मांगे थे।
बता दें, पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय में उस समय हड़कंप मच गया जब वहां पर एसीबी की टीम ने सामान्य प्रशासन विभाग के बाबू दीपक कुमार शर्मा को रंगे हाथों पकड़ा। एसीबी के टीम की आने की खबर पूरे विश्वविद्यालय में फैल गई। वहां मौजूद लोगों में एक तरह की जिज्ञासा थी कि आखिर हुआ क्या है एसीबी की टीम ने बाबू को क्यो पकड़ा है। तब पता चला कि रिटायर्ड कर्मचारी प्रकाश ठाकुर बीते फरवरी माह में सेवानिवृत्त हुए थे। तब से ही पेंशन के लिए वे लगातार प्रयास कर रहे थे। पूरी फाइल तैयार करा ली थी लेकिन बार-बार चक्कर काटने के बाद भी उन्हें घूमाया जा रहा था। इस पर उन्होंने बाबू दीपक कुमार शर्मा से बात की थी। तो उन्होंने प्रकाश ठाकुर से 30 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
तब प्रकाश ठाकुर ने कहा था कि पहले पेंशन तो शुरू करा दें फिर रकम दे दिया जाएगा। तब बाबू का कहना था कि पेंशन शुरू करने के लिए फाइल आगे बढ़ाना होगा। इसके लिए ऊपर तक रकम देना होता है। बिना रकम के तो काम नहीं हो पाएगा। इस तरह से प्रकाश ठाकुर का काम नहीं हुआ। ऐसे में 4 महीने से परेशान होने के बाद प्रकाश ठाकुर ने एसीबी की टीम का सहारा लिया।
वहां उन्होंने इसकी शिकायत की और बताया कि पेंशन की फाइल आगे नहीं बढ़ाई जा रही है। इसके एवज में रिश्वत मांगी जा रही है। इस पर एसीबी की टीम ने एक प्लान बनाया और प्रकाश ठाकुर को 30 हजार रुपये नकद देकर रविशंकर विश्वविद्यालय भेज दिया। मंगलवार की सुबह जब वे विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामान्य प्रशासन विभाग में पहुंचे तो वे दीपक कुमार शर्मा के पास गए और उन्हें रकम दे दी। इस पर उन्होंने रकम को रख लिया। तब प्रकाश ठाकुर ने कहा कि रकम को गिन तो लिजिए पूरे है या नहीं इस पर बाबू ने रकम को निकाला और उसे गिनने लगे तभी एसीबी की टीम वहां आ पहुंची। फिर बाबू दीपक कुमार शर्मा को रंगे हाथो गिरफ्तार कर लिया।
फाइल की चल रही तलाशी
इस घटना की जानकारी होते ही विश्वविद्यालय के अन्य विभागों में भी हड़कंप मच गई। पहले तो विश्वविद्यालय के सभी गेट व दरवाजे बंद कर दिए गए। फिर ये पूरा मामला विश्वविद्यालय के नए रजिस्ट्रार के पास पहुंचा। वे काफी सख्त माने जाते हैं उन्होंने पूरे मामले की जानकारी ली। इस दौरान एसीबी की टीम को प्रकाश ठाकुर के पेंशन की फाइल नहीं मिली। वहां पर फाइल खोजा गया लेकिन फाइल गायब थी। ऐसे में रजिस्ट्रार ने फाइल को तत्काल ढूंढने के निर्देश दिए। अन्यथा विभाग के लोगों पर कठोर कार्रवाई करने की बात कही।