BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ के पीएससी घोटाला मामले में पीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को हाईकोर्ट जमानत नहीं दिया। पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी पर आरोप है कि उसने सीजीपीएससी वर्ष 2020-21 में अपने नाते-रिश्तेदारों पर मेहरबान होते हुए उनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पदों पर किया था। जब लिस्ट आयी तो सभी में पूर्व अध्यक्ष के नाते-रिश्तेदारों व करीबियों के बच्चों के नाम थे। फिलहाल पूर्व अध्यक्ष जेल में बंद है। हाईकोर्ट ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए उसको जमानत नहीं दिया है। मामले की सुनवाई जस्टिस बीडी गुरु के बेंच में हुई।
बता दें, वर्ष 2020-2021 में हुए सीजीपीएससी की भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायत की गई थी। भाजपा के पूर्व मंत्री व वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में गड़बड़ी को लेकर जनहित याचिका दायर की थी।
साथ में उन्होंने चयन सूची भी कोर्ट के सामने पेश की थी। जिसमें चयनित अभ्यर्थियों की सूची में नेता, अधिकारी और रसूखदार कारोबारियों के रिश्तेदारों का सिलेक्शन किया गया।
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इसके बाद इस पर एक्शन लिया गया। जांच सीबीआई को सौंपी गई। जिसमें पूर्व अध्यक्ष के कार्य पर सवाल खड़े किए गए और जांच के दौरान ही सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वर्ष 2024 नवंबर माह से पूर्व अध्यक्ष जेल में बंद है। इनके साथ नितेश सोनवानी और पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गनवीर भी जेल में बंद है।
कई बार लगा चुके है जमानत याचिका
पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी व उनके साथ जेल में बंद इस गड़बड़ी मामले में आरोपी कई बार जमानत के लिए याचिका दायर कर चुके हैं। लेकिन कोर्ट ने इसे गंभीर अपराध माना है। बार-बार इनकी याचिकाएं खारिज कर दी जा रही है। टामन सिंह सोनवानी के जमानत पर सुनवाई 17 अप्रैल को होनी थी लेकिन कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। अब उसे जमानत देने से इनकार कर दिया है।