RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ के भूमिहीन मजदूरों को साल में 10-10 हजार रुपए मिलेंगे। दरअसल, प्रदेश में आचार संहिता के पहले आज यानी 20 जनवरी को सीएम विष्णुदेव साय ने दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना लागू भी कर दी गई है। इसके तहत 5 लाख 62 हजार 112 भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए 562 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं। सीएम साय ने प्रदेश के हित में शुरू की गई इस योजना को ऐतिहासिक बताया और सभी भूमिहीन कृषि मजदूरों को बधाई दी है।
इस मौके पर सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भूमिहीन मजदूरों से किए गए वायदे के अनुरूप प्रधानमंत्री श्री मोदी की एक और गारंटी पूरी हो गई है। हमारे छत्तीसगढ़ में बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर करती है लेकिन ऐसे लोग भी हैं जिनके पास कृषि भूमि भी नहीं है और वे कृषि मजदूरी कर जीविकोपार्जन करते हैं। उन्हें ध्यान में रखते हुए हमने भूमिहीन कृषि मजदूर भाई-बहनों से भी एक वादा किया था।
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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने न्यू सर्किट हाउस स्थित आडिटोरियम में पंडित दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना का शुभारंभ करते कहा कि हमने कहा था कि उन्हें 10 हजार रुपये सालाना आर्थिक सहायता देंगे। आज हमने इस वादे को पूरा किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक कदम के माध्यम से प्रदेश के भूमिहीन मजदूर परिवारों के आर्थिक समृद्धि का जो संकल्प हमने लिया था, वह आज साकार हो रहा है। श्री साय ने कहा कि यह योजना न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि उनके बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य को भी सुरक्षित बनाएगी।
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सीएम ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि प्रदेश का हर गरीब और भूमिहीन परिवार खुशहाल हो। यह योजना उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बनेगी। यह योजना मूलतः कृषि मजदूरों के लिए शुरू की गई है, जिनके पास भूमि नहीं है और वे अन्य खेतों में मजदूरी कर गुजर-बसर कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने ऐसे गरीब कृषि मजदूरों के लिए मदद की घोषणा की थी, जिसे साय सरकार मोदी की गारंटी मानकर सर्वे शुरू कर चुकी है। यह अंतिम दौर में है। ऐसे भूमिहीन मजदूरों को हर साल उनके बैंक खातों में 10-10 हजार रुपए दिए जाने हैं। सरकार ने पूरे प्रदेश में सर्वे कर ऐसे मजदूरों को अलग किया है, जो इस सहायता के पात्र हैं।
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वहीं, अफसरों का कहना है कि चूंकि रकम जारी कर दी गई है, इसलिए अब इस पैसे को भूमिहीन मजदूरों के खाते में ट्रांसफर करने में आचार संहिता की कोई अड़चन नहीं है। जिस तरह महतारी वंदन योजना का पैसा प्रदेश की महिलाओं के खाते में जा रहा है, उसी तरह मजदूरों की 10 हजार वार्षिक वाली यह राशि भी उनके खातों में कभी भी ट्रांसफर कर दी जाएगी।