SHAMLI NEWS.उत्तर प्रदेश के शामली जिले में पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में घायल हुए एसटीएफ मेरठ यूनिट के इंस्पेक्टर सुनील काकरान की उपचार के दौरान मौत हो गई। गुरुग्राम के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
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यह मुठभेड़ सोमवार की रात उदपुर गांव के पास हुई थी। एसटीएफ मेरठ और बदमाशों के बीच करीब 30 मिनट तक गोलीबारी चली थी, जिसमें दोनों तरफ से 40 से ज्यादा राउंड गोलियां चलीं थीं। इस मुठभेड़ में पुलिस ने मुकीम काला और कग्गा गैंग के चार बदमाशों को मार गिराया था।
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शामली के एसपी रामसेवक गौतम ने इंस्पेक्टर सुनील काकरान की मौत की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि यह मुठभेड़ उस समय हुई, जब एसटीएफ टीम को एक लाख के इनामी बदमाश अरशद और उसके साथी के इलाके में किसी बड़ी वारदात की योजना बनाने की जानकारी मिली थी। एफआईआर के मुताबिक एसटीएफ टीम ने सुबह 11 बजे ही मुखबिर की सूचना पर उदपुर ईंट भट्ठे के पास अपना मोर्चा संभाल लिया था। रात को बदमाशों के आने पर मुठभेड़ हुई थी।
एसटीएफ मेरठ यूनिट के इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार ने बताया कि चारों बदमाश मारे गए, लेकिन मुठभेड़ के दौरान इंस्पेक्टर सुनील काकरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें गुरुग्राम के अस्पताल लाया गया था। लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। घटना स्थल को सुरक्षा के लिहाज से सील कर दिया गया है। पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है। मृतक इंस्पेक्टर सुनील काकरान के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं उनके गाँव मसूरी गांव में शोक व्याप्त हो गया। उनके घर सांत्वना देने वालों की भीड़ लग गई।
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सुनील कुमार जून 1990 में यूपी पुलिस में कांस्टेबल पद पर भर्ती हुए थे। वर्ष 1997 में हरियाणा के मानेसर स्थित अकादमी से उन्होंने कमांडो का प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद सन 2000 में वह एसटीएफ में चले गए। उनकी तैनाती लखनऊ, नोएडा, मेरठ सहित अन्य एसटीएफ केंद्रों पर रही। लगातार बेहतर कार्य के बल पर पदोन्नति पाते रहे। वर्ष 2020 में एसटीएफ में वह सब इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर बने थे। परिजनों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को गांव के श्मशान घाट में किया जाएगा। उनके भतीजे अजीत सिंह ने बताया कि सुनील कुमार एक सप्ताह पहले ही परिवार से मिलने गांव आए थे।
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सुनील कुमार दो भाइयों में छोटे थे। बड़े भाई अनिल गांव मसूरी में खेती करते हैं। दोनों परिवार साथ रहते हैं। परिवार में सुनील कुमार की मां अतरकली देवी, पत्नी मुनेश देवी और शादीशुदा बेटा-बेटी मंजीत काकरान और नेहा चौधरी हैं। मंजीत पोस्ट ग्रेजुएट हैं और खेतीबाड़ी करते हैं। भतीजे अजीत सिंह के मुताबिक सुनील कुमार मेरठ पुलिस लाइन में ही रह रहे थे। पिछले सप्ताह घर आने के बाद वे एक दिन रुककर चले गए थे।