दुर्ग। छत्तीसगढ़ की मिट्टी करे अब नई पहचान मिलेगी। दुर्ग जिले के सोनपुर में माटी कला केन्द्र यानि ग्लेजिंग यूनिट को हरी झंडी मिल गई है। छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड ने ग्लेजिंग यूनिट बनाने की मंजूरी दे दी है। एक करोड़ चालीस लाख रुपए की लागत से इसका निर्माण कराया जाएगा। माटी कला केन्द्र के निर्माण से कुम्हारों को एक छत के नीचे वे सभी उपकरण उपलब्ध कराएं जाएंगे जिससे वे मिट्टी को अलग अलग रंगरूपों में ढाल सके। इस केन्द्र में मिट्टी के उत्पादों के विक्रय के लिए भी अलग से प्लेटफार्म दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में माटी कला और परंपरागत कलाओं को विकसित करने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्राथमिकता से कार्य कर रहे हैं। ग्लेजिंग यूनिट जैसे यूनिटों के माध्यम से कुम्हारों को आधुनिक तकनीकों से अपना हुनर दिखाने का और इसे निखारने का अवसर भी मिलेगा। इसके साथ ही वे माटी कला में उपलब्ध देश भर के बाजार का अन्वेषण कर सकते हैं।
ग्लेजिंग यूनिट के संबंध में जानकारी देते हुए माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष बालम चक्रधारी ने कई महत्वपूर्ण बातें साझा की। उन्होंने बताया कि ग्लेजिंग यूनिट में यहां कुम्हारों का राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। राजस्थान व महाराष्ट के उम्दा ट्रेनरों द्वारा इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था कराई जाएगी। इससे स्थानीय कुम्हारों की कला को निखारने में मदद मिलेगी। साथ ही नए तरह के माटी उत्पाद बनाने में भी इन्हें मदद मिलेगी।
सिविक सेंटर में एंपोरियम के निर्माण का प्रस्ताव
ग्लेजिंग यूनिट में मट्टी के आकर्षक बर्तनों के साथ सजावटी सामान सहित कुल्हढ व दियों का भी निर्माण किया जाएगा। बढ़े पैमाने पर इसके निर्माण की योजना है। इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर प्लास्टिक वेस्ट को भी कम किया जा सकता है। इन उत्पादों के डिस्प्ले के लिए सिविक सेंटर में एम्पोरियम के निर्माण का प्रस्ताव भी शासन के समक्ष रखा गया है। एंपोरियम के निर्माण के बाद इनके प्रदर्शनी के लिए एक स्थल मिल जाएगा।
देशभर में हैं माटी के उत्पादों की मांग
माटीकला के उत्पादों की मांग देशभर में बनी हुई है। माटी से बने सजावटी वस्तु बड़े बड़े होटलों से लेकर घरों में भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं। माटी से बनी इन कलात्मक वस्तुओं की देशभर में मांग है। ग्लेजिंग यूनिट में बनने वाले इन उत्पादों को देशभर में बेचने के लिए ऑनलाइन मार्केट भी सहारा लिया जाएगा। छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड की मंशा है प्रदेश के माटी उप्ताद देशभर में एक अलग पहचान बनाए।