BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में नीट परीक्षा में 45 मिनट से देरी पर प्रश्न पत्र देने के मामले में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में दोबारा परीक्षा लेने की मांग की गई है। याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू की बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के अधिवक्तों को एजेंसी से जानकारी लेकर 3 दिनों में जवाब पेश करने का आदेश दिया है।
बता दें, छत्तीसगढ़ के बालोद परीक्षा केन्द्र में 5 मई 2024 को गलत पर्चा देने और देरी से पेपर देने का मामला सामने आया था। इसके बाद छात्रों के परिजनों और छात्रों ने केन्द्र में जमकर हंगामा किया। पेपर देने में कम समय मिलने पर बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।
याचिका लिपिका सोनबोईर व अन्य ने एडवोकेट अदिति सिंघवी के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में सुनवाई कर कोर्ट ने एनटीए से जवाब मांगा है। याचिका में दोबारा परीक्षा लेने की मांग की गई है। इसको लेकर अब नीट छात्रों में चिंता बनी हुई है।
राजस्थान में हुई थी यहीं गड़बड़ी
हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को राजस्थान में हुई इसी तरह की गड़बड़ी के विषय में बताया और आधार बनाते हुए कहा कि इसी तरह की गड़बड़ी राजस्थान में भी की गई थी। इस केन्द्र पर भी ऐसा ही हुआ था। राजस्थान ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 5 मई 2024 को दोबारा परीक्षा आयोजित करने को लेकर अधिसूचना जारी की थी।
क्या है मामला पढ़ें
ब्ता दें, बालोद जिले में 5 मई को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के होने वाले नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट में बड़ी लापरवाही सामने आयी थी। जहां 391 छात्र-छात्राओं को गलत पेपर दे दिया गया था। यहां पर 45 मिनट तक छात्र गलत पेपर को ही हल करते रहे।
इसके बाद जब पर्चा हर करते हुए गलती का पता चला तो उसे कैंसिल कर दूसरा पेपर बांटा गया। 45 मिनट बाद जब दूसरा पर्चा दिया गया तो छात्रों को अतिरिक्त समय भी नहीं दिया गया। इससे छात्रों और अभिभावकों में आक्रोश था। इसके बाद अभिभावकों ने इसकी शिकायत की। शिकायत पर प्रशासन ने अधिकारियों को जांच के लिए भेजा। इस दौरान केन्द्राध्यक्ष ने गलती स्वीकार कर ली थी।