RAJKOT. गुजरात के राजकोट में बड़ा हादसा हो गया है। राजकोट शहर के कालावड रोड स्थित टीआरपी गेम जोन में 30 सेकंड में ही आग ने विकराल रूप ले लिया और बच्चों समेत 30 लोगों की मौत हो गई। देर रात तक बचाव अभियान जारी था। इससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शव इतनी बुरी तरह जले हैं कि पहचान मुश्किल है। इसके लिए डीएनए टेस्ट कराना होगा। रेस्क्यू ऑपरेशन देर रात तक जारी रहा। गेम जोन जलकर खाक हो गया है। प्रभावित क्षेत्र को मेजर कॉल घोषित किया गया है। राजकोट के सभी गेम जोन तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए गए।
ऐसे हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार सीढ़ियों पर वेल्डिंग करते वक्त धमाका हुआ और एक मिनट में आग तीसरी मंजिल तक फैल गई। रबड़-रेक्सिन का फर्श, 2500 लीटर डीजल का भंडारण, कार क्षेत्र में रखे गए असंख्य टायर और लोहे की शीट संरचना में थर्मोकोल शीट विभाजन ने पूरे गेम जोन को कुछ ही मिनटों में भट्टी में बदल दिया। बताया गया कि नीचे से ऊपर जाने के लिए केवल एक सीढ़ी थी और आग नीचे से ऊपर तक फैल गई। दूसरी और तीसरी मंजिल के लोगों को भागने का मौका नहीं मिला।
गेम जोन की फायर एनओसी भी नहीं थी, फायर सिस्टम इंस्टॉलेशन का काम भी अधूरा पड़ा था। राजकोट के पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव ने कहा कि सभी गेम जोन का ऑडिट कराया जाएगा। जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राजकोट तालुका के पुलिस इंस्पेक्टर धवल हरिपारा ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इस हादसे में मृतकों का आंकड़ा और बढ़ने की आशंका है।
ऐसे फंसे लोग, भीड़ भी बड़ी वजह
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक लोग रेस्टोरेंट में बैठे थे, तभी वहां आग लग गई। आग 30 सेकंड में ही पूरे एरिया में फैल गई थी। मौजूद स्टाफ ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका और लोग जान बचाने के लिए बाहर भागने लगे। मैंने ऊपर जाने की कोशिश की, लेकिन नहीं जा सका। मेरे सामने पांच से ज्यादा लोग थे, जिनमें एक आंटी के दो लड़के और उनके पति भी शामिल थे। वहां पेट्रोल-डीजल के डिब्बे भी थे, जिन्हें लोग हटाने लगे। पीछे की ओर गैस के सिलेंडर्स भी रखे थे। मॉल के गेम जोन में दो मंजिल हैं। मैंने मेन गेट से सीढ़ियों से ऊपर जाने की कोशिश की, लेकिन वहां भी आग फैल गई थी।’
एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि गेम जोन में कई जगह रिपेयरिंग और रेनोवेशन का काम भी चल रहा था। काफी संख्या में प्लाई के टुकड़े और लकड़ियां भी इधर-उधर फैली हुई थीं। ये चीजें भी आग की चपेट में आ गईं।
गुजरात के बड़े हादसे
- तक्षशिला कांड (सूरत) : 22 बच्चों की मौत हो गई थी।
- हरणी बोट कांड (वडोदरा) : 12 बच्चों सहित 14 मौतें।
- मोरबी झूलता पुल दुर्घटना : 135 लोगों की जान गई थी।