JAGDALPUR. छत्तीसगढ़ के बस्तर में हुए मुठभेड़ से संबंधित नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर कई बातें कही है। नक्सलियों ने इससे पहले भी प्रेस नोट जारी किया था। नए प्रेस नोट में नक्सलियों ने कहा है कि ‘जगरगुंडा मुठभेड़ में छह शहीद हुए थे। साथ ही 12 जवान घायल भी हुए थे। नक्सलियों ने आगे उल्लेख किया कि हमने AK-47 समेत कई हथियार भी लूट लिए थे।
बस्तर में आतंक मचाने वाले नक्सलियों ने सुकमा जिले में हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के बाद पर्चा जारी कर कहा है कि मुठभेड़ में छह जवान शहीद हुए थे। साथ ही 12 जवान घायल हुए थे। इसके इतर हमारा एक भी साथी नहीं मारा गया है। हमने मुठभेड़ स्थल से जवानों के तीन हथियार समेत अन्य सामानों को भी लूटा है। दक्षिण सब जोनल ब्यूरो (CPI माओवादी) प्रवक्ता कमांडर समता ने प्रेस के हवाले से कहा कि मुठभेड़ में इन जवानों की शहादत के जिम्मेदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देश के गृहमंत्री अमित शाह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और बस्तर रेंज के IG सुंदरराज.पी हैं।नक्सली लीडर समता के हवाले से पत्र में लिखा है कि पुलिस कई तरह के सच को छिपा रही है। जगरगुंडा में पुलिस की रोड ओपनिंग पार्टी पर उनकी PLGA ने हमला किया था। स्थल से AK-47, पिस्टल समेत तीन हथियार और गोला-बारूद भी लूट लिए गए थे। नक्सलियों ने आठ फरवरी को गुंडाम गांव में हमला करके किसान पुनेम लख्मू को मारने का पुलिस पर आरोप लगाया है।
प्रेस नोट के जरिए नक्सलियों ने कहा है कि पुलिसकर्मियों की शहादत के जिम्मेदार नेता हैं, जिन्होंने कॉरपोरेट घरानें अंबानी, अडानी, टाटा, जिंदल जैसे पूंजीपतियों के फायदे के लिए इन्हें भेजा। यहां के आदिवासी, श्रमिक, कृषक के जल-जंगल-जमीन और अधिकार को लूटने के लिए नए पुलिस कैंप लगातार खोले जा रहे हैं। हम पुलिस से अपील करते है कि अपने प्राण को बेवजह पूंजीपतियों के लिए न्योछावर न करें।
ये है पूरा मामला
सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित इलाके में 25 फरवरी को जगरगुंडा और कुंदेड़ के बीच पुलिस जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई थी। नक्सलियों ने जवानों को एंबुश में फंसा लिया था। दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में DRG के तीन जवान शहीद हुए थे। पुलिस अफसरों ने बताया था कि, इस मुठभेड़ में करीब पांच से छह माओवादियों को भी जवानों ने ढेर किया है। इसके बाद नक्सलियों ने भी प्रेस नोट जारी कर अपनी बात रखी है।