सरगुजा। गर्मी के समय जंगलों में लगने वाली आग एक बड़ी चुनौती होती है। बढ़ती गर्मी का असर दिखाई देने लगा है। छत्तीसगढ़ के सरगुजा और उदयपुर के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है। हालांकि जंगल के कुछ हिस्सों में आग पर काबू पा लिया गया है, वहीं कई हिस्सों में आग तेजी से बढ़ती जा रही है।
आग पर काबू पाने में बाधा आ रही है। इसका कारण वन विभाग के कर्मचारी अपनी 12 मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं, जिससे विभाग की परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है।
सरगुजा जिले की उदयपुर फॉरेस्ट रेंज के कई गांवों में आग ने तांडव मचाया शुरू कर दिया है। घटबर्रा, चकेरी, सोन तराई, बासेन समेत अधिकतर गांवों तक आग पहुंच चुकी है। जानकारी के मुताबिक इस आग से हजारों हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो गए हैं। वहीं कई इलाकों में ग्रामीण आग बुझाने का काम कर रहे हैं।
वन विभाग के अधिकारी के अनुसार वनकर्मियों की हड़ताल की वजह से आग पर काबू पाना थोड़ा मुश्किल हो रहा है, लेकिन फायर वाचर और चौकीदार लगातार इस पर नजर जमाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भी आग बुझाने में काफी मदद कर रहे हैं।
बता दें कि गर्मी के दिनों में जंगलों में लगने वाली आग एक बड़ी चुनौती होती है। इसकी बानगी दिखाई देने लगी है। इधर बीते 21 मार्च से पूरे छत्तीसगढ़ में अपनी 12 मांगों को लेकर वन कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। बढ़ती गर्मी के कारण ज़िले के उदयपुर में जंगल की आग बुरी तरह से फैल रही है, लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है।
उदयपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले कई जंगलों में धुंआ-धुंआ नजर आ रहा है। सोन तराई, चकेरी, बासेन, घाटबर्रा, मरैया केदमा समेत शायद ही ऐसा कोई गांव हो जहां पर जंगल की आग ने रफ्तार ना पकड़ी हो। यहां से आ रही तस्वीरें साफ बता रही हैं कि किस तरह हजारों हेक्टेयर जंगल दो दिनों में ही जलकर खाक हो गए हैं। वनकर्मियों के मौके पर नहीं रहने से यह आग पूरे जंगल में विकराल रूप लेती जा रही है।
ज़िले की ऐतिहासिक रामगढ़ पहाड़ी के नीचे लगी आग को जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों, फायर वाचर और चौकीदारों के माध्यम से फिलहाल बुझाया गया है। सोनतराई मुड़ापार फ्लाई ऐश फैक्ट्री के बगल वाला सैकड़ों एकड़ जंगल जलकर राख हो गया है।
डांड़गांव अंधारझोरखा प्रिंस होटल के बगल वाले जंगल में भी आग बुरी तरह लगी हुई है, जो काफी तेज गति से पूरे जंगल को अपनी चपेट में ले रही है। वहीं बासेन से चकेरी मार्ग में हजारों हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आकर सैकड़ों छोटे पेड़-पौधे जल गए। बहरहाल वन विभाग द्वारा फायर वाचर, चौकीदार के माध्यम से आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन प्रयास नाकाफी दिख रहे है।
मामले में बात करने पर उदयपुर वन परिक्षेत्राधिकारी सपना मुखर्जी ने बताया कि वन कर्मियों की हड़ताल पर जाने से आग बुझाने की जिम्मेदारी फायर वाचर व चौकीदार की है। ग्रामीणों के सहयोग से आग बुझाने के प्रयास जारी हैं।
(TNS)