भिलाई। दुर्ग जिले के चार निकायों में हुए चुनाव में स्थानीय नेताओं की जनता के बीच पकड़ का भी पता चल गया। चारों निकाय जिले के अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों के हैं। इनमें से तीन निगम और एक पालिका शामिल हैं। चार विधानसभा क्षेत्रों के चार निकायों में से एक में जहां गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू अपने क्षेत्र में सफल रहे। वहीं भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव ने अपने विधानसभा व वैशाली नगर विधानसभा में झंडे गाड़े। सीएम बघेल ने अपने गृह क्षेत्र में कांग्रेस के सूखे को खत्म किया। लेकिन मंत्री गुरु रुद्रकुमार के अहिवारा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस चूक गई। जामुल नगर पालिका में कांग्रेस की जगह भाजपा को सफलता मिल गई।
बता दें दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला रिसाली नगर निगम, प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का गृह क्षेत्र है। वहीं भिलाई नगर निगम दो विधानसभा क्षेत्रों का हिस्सा है… एक भिलाई नगर व दूसरा वैशाली नगर। इसकी जवाबदारी विधायक देवेन्द्र यादव के पास रही। भिलाई तीन चरोदा निगम अहिवारा विधानसभा क्षेत्र का होने के बाद भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का गृह क्षेत्र है इसलिए यहां पर सीएम की सीधी नजर थी। वहीं अहिवारा विधानसभा क्षेत्र के तहत जामुल पालिका की जिम्मेदारी मंत्री गुरु रुद्रकुमार ने संभाल रखी थी। भिलाई निगम, भिलाई चरोदा निगम व रिसाली निगम में कांग्रेस को सफलता मिली, लेकिन अहिवारा विधानसभा क्षेत्र की पालिका जामुल में कांग्रेस को सफलता नहीं मिली।
गृहमंत्री साहू व विधायक की रणनीति काम आई
चुनाव की घोषणा के बाद से ही प्रत्याशी चयन से लेकर चुनाव की सारी रणनीति बनाने में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू व भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव काफी संजीदा रहे। दोनों ही नगर निगमों में नए चेहरों को मौका दिया गया। बड़ी संख्या में युवा पार्षद चुनकर आए। दोनों ही नगर निगमों में कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिला। विधायक देवेन्द्र यादव ने जहां युवाओं पर फोकस करते हुए शहर के विकास को अपना एजेंडा बनाया, वहीं गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी रिसाली के ग्रामीण क्षेत्रों की नब्ज पकड़ी और सत्ता हासिल की। इस प्रकार भिलाई नगर व वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्रों में विधायक देवेन्द्र यादव व दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में ताम्रध्वज साहू ने सफलता पाई।
अहिवारा में हुई चूक, क्रॉस वोटिंग ने बचाई लाज
अहिवारा विधानसभा क्षेत्र के दो निकायों में चुनाव हुए। भिलाई चरोदा निगम सीएम भूपेश बघेल का गृहक्षेत्र है और यहां पिछले 20 साल से कांग्रेस को सत्ता का इंतजार था। इस बार सीएम बघेल के प्रभाव और भिलाई-चरोदा निगम में सफलता पाई। बहुमत से दो सीट कम होने के बाद भी कांग्रेस के समर्थन में निर्दलीय पार्षद आए और सीएम के गढ़ में कांग्रेस ने 20 वर्षों का सूखा खत्म किया। वहीं अहिवारा विधानसभा क्षेत्र के जामुल पालिका में कांग्रेस का जादू नहीं चला। यहां पिछले कार्यकाल में कांग्रेस की अध्यक्ष रही, लेकिन इस बार वे कुर्सी बचाने में सफल नहीं हुए। भाजपा को यहां सफलता मिली। अध्यक्ष व उपाध्यक्ष निर्वाचन में कांग्रेस का उपाध्यक्ष बना। यहां क्रास वोटिंग ने कांग्रेस की लाज बचाई और उपाध्यक्ष की कुर्सी मिल गई। अहिवारा में प्रदेश कांग्रेस ने आलोक पाण्डेय को प्रभारी बनाकर भेजा था। वहीं स्थानीय विधायक होने के नाते गुरु रुद्रकुमार पूरा चुनाव मैनेजमेंट संभाल रहे थे। जैसा कि भिलाई निगम में विधायक दवेन्द्र यादव व रिसली निगम में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने संभाला।