तीरंदाज डेस्क। मतदाताओं को लुभाने के लिए कई राजनीतिक दल कैश और मुफ्त बिजली और उपहार आदि देने का वादा करते हैं। इसके खिलाफ वरिष्ठ वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए राजनीतिक पार्टियों की तरफ ऐसे वादों करने पर रोक लगाए जाने की मांग की गई है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से ऐसे राजनीतिक दलों का चुनाव चिह्न जब्त करने और उनकी मान्यता रद करने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर चार हफ्ते में जवाब मांगा है। अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। याचिका में कैश और मुफ्त उपहार का वादा करने वाली राजनीतिक पार्टियों का चुनाव चिह्न जब्त करने और उनकी मान्यता रद्द करने की मांग की गई है।
याचिका में मांग की गई है कि उन राजनीतिक दलों का पंजीकरण किया जाए, जिन्होंने सार्वजनिक धन से मुफ्त में चीजें वितरण करने का वादा किया था। वोट हासिल करने के लिए राजनीतिक दलों में मुफ्त चीजें बाँटने की होड़ लगी है। जिन राज्यों में चुनाव हैं उनमें लगभग सभी दल वोटरों को लुभाने के लिए कुछ न कुछ फ्री देने का वादा कर रहे हैं। मुफ्त में चीजें बाँटने में बड़ी सरकारी राशि खर्च होती है, जो करदाताओं की होती है।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए लखनऊ में रैली करने आए आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सभी को 300 यूनिट बिजली फ्री देने का वादा किया है। इसके साथ ही अन्य दलों ने भी सार्वजनिक संपत्ति ने मतदाताओं को लुभाने के लिए कई तरह की चीजें फ्री में देने की घोषणा की है।