NEW DELHI NEWS. ऑपरेशन सिंदूर के बीच सीजफायर समझौते पर सहमति के बाद भी पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन किया है। इससे तनाव के हालात बने हुए हैं। भारत के कई शहरों में आज भी ब्लैकआउट लागू किया गया। राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए। हालांकि बॉर्डर से लगे राजस्थान, पंजाब, जम्मू-कश्मीर में रविवार सुबह हालात सामान्य दिखाई दिए। बाजार खुल रहे हैं, गतिविधियां सामान्य हो रही हैं। इस बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत पर पहलगाम को बहाना बनाकर युद्ध की स्थिति पैदा करने और कई बेबुनियाद आरोप लगाए। शरीफ ने चीन को एक भरोसेमंद मित्र बताया है।
इस बीच, ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के साथ तनाव को लेकर भारतीय सेना ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कॉन्फ्रेंस की शुरुआत शिवतांडव की धुन से हुई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय थल सेना के महानिदेशक सैन्य अभियान (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, भारतीय वायु सेना के महानिदेशक वायु अभियान (DG Air Ops) एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती और भारतीय नौसेना के महानिदेशक नौसेना अभियान (DGNO) वाइस एडमिरल एएन प्रमोद शामिल हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान थल सेना के महानिदेशक सैन्य अभियान (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद सिर्फ आतंकियों का खात्मा करना था। हमने 100 आतंकियों को खत्म किया। साथ ही आतंकी ठिकाने उड़ाने के सबूत दिखाए। सेना ने आतंकी हमले का जवाब दिया। मुदस्सर खार, हाफिज जमील और यूसुफ अजहर जैसे तीन बड़े आतंकियों को ढेर किया।
DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की योजना पहलगाम में भारतीय नागरिकों पर हमले के बाद बनाई गई। इस ऑपरेशन का स्पष्ट सैन्य उद्देश्य था- आतंकवादियों और उनके ठिकानों को तबाह करना, हमने सीमा पार आतंकी कैंपों की गहराई से पहचान की। लेकिन वहां कई ठिकाने पहले ही खाली कर दिए गए थे, लेकिन हमें 9 ऐसे ठिकाने मिले जिन्हें हमारी एजेंसियों ने एक्टिव बताया।
हमले के दौरान कुछ ठिकाने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और कुछ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में थे- जैसे मुरीदके, जो कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकियों से जुड़ा रहा है। हमारे हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें यूसुफ अज़हर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद जैसे हाई वैल्यू टारगेट शामिल हैं। ये आतंकी IC 814 हाइजैक और पुलवामा हमले से जुड़े थे। जनरल घई ने बताया कि एलओसी पर पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया और उनकी ओर से नागरिक क्षेत्रों जैसे गुरुद्वारों को भी निशाना बनाया गया।
वहीं, वायुसेना के डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने बेहद सावधानीपूर्वक केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया और कोई भी नागरिक हानि नहीं होने दी। हमने पूरी योजना इस तरह बनाई थी कि सिर्फ आतंकी कैंपों पर सटीक वार किया जाए और किसी आम नागरिक को नुकसान न पहुंचे। एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने कहा कि हालात कठिन हैं, हम ये प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करना चाहते थे, लेकिन ज़रूरी हो गया था। भारतीय वायुसेना ने मुरीदके और बहावलपुर जैसे आतंकी ठिकानों पर हमला किया। ये दोनों स्थान अंतरराष्ट्रीय सीमा से काफी अंदर थे, इसलिए इन्हें चुनना रणनीतिक रूप से अहम था।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि जयशंकर ने 1 मई को अमेरिका के विदेशमंत्री मार्को रुबियो से फोन पर बात की थी और उन्हें साफ-साफ बताया था कि हम आतंकी ठिकानों पर हमला करेंगे। इसमें कहा गया था कि अगर पाकिस्तान हमला करेगा तो हम पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देंगे। भारत के एक्शन से पाकिस्तानियों के लिए हर रात बदतर होती जा रही थी। MEA के सूत्रों ने कहा कि भारत ने साफ संदेश दिया था कि अगर हमें पाकिस्तान से बात करनी है, तो वह सिर्फ पीओके, अवैध क्षेत्रों की वापसी और आतंकवादियों को सौंपने के बारे में होगी। मार्को रुबियो और जयशंकर के बीच परमाणु खतरे पर कोई बातचीत नहीं हुई। पाकिस्तान हमेशा परमाणु खतरे का मुद्दा उठाता है। उनके मंत्रियों ने ऐसा करना शुरू कर दिया था, इसमें कोई नई बात नहीं है।
आर्मी चीफ बोले-पाकिस्तान के सीज़फायर उल्लंघन का पूरी ताकत से जवाब दें
भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि 10-11 मई 2025 की रात सीज़फायर उल्लंघन के बाद थलसेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने पश्चिमी सीमाओं पर तैनात सेना कमांडरों के साथ सुरक्षा स्थिति की गहन समीक्षा की। सेना प्रमुख ने स्पष्ट निर्देश दिए कि 10 मई को DGMO स्तर पर हुई बातचीत के दौरान हुए समझौते के किसी भी उल्लंघन पर सेना पूरी ताकत से जवाब देगी। उन्होंने सेना कमांडरों को kinetic domain (सैन्य बल) में पूर्ण अधिकार सौंपते हुए कहा कि वे किसी भी उल्लंघन पर तुरंत और प्रभावशाली प्रतिक्रिया देने के लिए स्वतंत्र हैं।