CHHATTISGARH. नियमितीकरण समेत छह सूत्री मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ लगातार आंदोलन कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि 10 अप्रैल और 11 अप्रैल को हमारे पदाधिकारियों के साथ हुए घटना क्रम से यह साफ़ समझा जा सकता है कि इस आंदोलन को तोड़ने के लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही हैं।
उनका यह भी आरोप हैं कि पुलिस प्रशासन के द्वारा बिना वजह महासंघ के प्रदेश पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है और उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा है। रसोईया संघ की प्रदेश अध्यक्ष नीलू ओगरे, स्वच्छ भारत मिशन शहरी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ मिश्रा एवं चमन लाल साहू विद्युत विभाग ठेका कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश महामंत्री के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा दुर्व्यव्हार किया गया हैं । अब इसी कार्यवाही के विरोध में 13 अप्रैल को प्रदेश के 180000 अनियमित कर्मचारी अपने कार्यों का बहिष्कार करेंगे और जिन पुलिस कर्मचारियों और अधिकारी ने यह कार्यवाही की है उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होने की मांग भी की जाएगी।
दरअसल, 10 अप्रैल को नीलू ओगरे को उनके निज निवास से महासमुंद पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया तथा बाल खींच कर घसीटते हुए उन्हें थाना लाया गया। उनके परिवार के लोग यह देख दहशत में आ गए साथ ही उनका यह कहना हैं कि उनकी नाबालिग बेटी के सामने पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें पीटा हैं। पूरे दिन अलग-अलग थानों में उन्हें घुमाने के बाद रात तक उनका पता नहीं चला। दूसरे दिन सुबह उन्हें छोड़ा गया जिसके बाद वे रेणु जोगी से मुलाकात करने जोगी निवास पहुंची, वहां पहुंचते ही पुलिस कर्मचरियों ने उन्हें घेर लिया। सड़क पर खींचतान की वजह से उनके कुछ कपड़े भी इधर-उधर हो गए।बीच सड़क पर हुई इस शर्मसार घटना के बाद इसकी तुलना चीर हरण से करते हुए अब उनका प्रशासन से यह सवाल है कि क्या वे उनकी इज्जत वापस दिला सकते है। जहां एक तरफ सरकार छत्तीसगढ़ महतारी की बात सरकार करती है और वही दूसरी ओर एक महिला को बीच चौराहे पर पुलिस द्वारा प्रताड़ित किया जाता है। सतनामी समाज की महिला के साथ किए
गए दुर्व्यवहार की कठोर निंदा करते हुए सभी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की गई हैं। इसके साथ ही कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष सौरभ मिश्रा को पुलिस द्वारा भी जोगी बंगला के सामने उनके कार से अज्ञात स्थान पर ले जाकर अभद्रता की गई। महासंघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष चुम्मन लाल साहू के साथ भी यही किया गया।
महासंघ के लोगों का कहना हैं की जब कांग्रेस पार्टी ने घोषणापत्र में नियमितीकरण का वादा किया है तो उसे पूरा करना भी उनकी जिम्मेदारी है।
पदाधिकारियों को डराने उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है। क्रेडा विभाग से नीलेश किरण को सेवा समाप्ति के बाद अब अन्य की सेवा समाप्ति करने की तैयारी भी की जा रही है। प्रियंका गांधी के बस्तर प्रवास की सूचना मिलने पर 11 अप्रैल को महासंघ के पदाधिकारियों ने 2 किलोमीटर गोबर की लिपाई और गोबर के कंडे की माला भेंट करने की योजना बनाई। इस विषय में जिला प्रशासन के साथ जगदलपुर एडीएम कार्यालय में पदाधिकारियों के साथ जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की बैठक भी राखी गई। बैठक में महासंघ की ओर से आयोजित कार्यक्रम को स्थगित रखे जाने तथा जिला प्रशासन ने महासंघ के प्रतिनिधि मंडल को प्रियंका गांधी से मुलाकात करवाने का निर्णय लिया गया। प्रियंका गांधी से मुलाकात के लिए महासंघ ने 10 प्रतिनिधिमंडल की सूची तैयार कर प्रेषित की हैं। प्रियंका गांधी ने जो लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा दिया था पर छत्तीसगढ़ में एक छोटी जाति की लड़की के साथ क्या किया जाता हैं यह हम उनसे मिलर जरूर बताएंगे।