RAIPUR NEWS. जमीन की गाइडलाइन दरों में वृद्धि का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। इस मुद्दे पर कांग्रेस लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रही है। लेकिन अब इसके विरोध में खुद पूर्व मंत्री और भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल उतर आए हैं। उन्होंने प्रदेश में भूमि खरीदी-बिक्री के लिए कलेक्टर गाइडलाइन दरों में 100 से 800% तक की वृद्धि पर आपत्ति जताई है। बृजमोहन ने इस बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को चिट्ठी लिखकर इस निर्णय को तत्काल स्थगित कर पुनर्विचार करने की मांग की है। पत्र में लिखा कि गाइडलाइन मूल्य 100% बढ़ाने के बाद भी पंजीयन शुल्क 4% बनाए रखना जनता के साथ अन्याय है, जिसे घटाकर पुनः 0.8% किया जाना चाहिए।

बृजमोहन ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश में बिना किसी जन-परामर्श, बिना किसी वास्तविक मूल्यांकन और बिना सामाजिक-आर्थिक प्रभावों की समीक्षा के कलेक्टर गाइडलाइन दरों में अनियोजित वृद्धि कर दी गई है। इस नई दर से पूरे प्रदेश में अनेक वर्गों में असंतोष है। किसान, छोटे व्यवसायी, कुटीर-उद्यमी, मध्यम वर्ग, छोटे रियल एस्टेट क्षेत्र और निवेशक- सभी इस निर्णय के खिलाफ हैं। व्यापक विरोध को देखते हुए यह निर्णय किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है।

भाजपा सांसद ने स्पष्ट कहा है कि यह वृद्धि इज ऑफ लिविंग और इज ऑफ डूइंग बिजनेस दोनों के विपरीत है। यह प्रदेश की आर्थिक रीढ़ पर सीधी चोट है। इसलिए लागू नई गाइडलाइन वृद्धि को तत्काल स्थगित किया जाए। पूर्ववत गाइडलाइन पुनः लागू की जाए साथ ही स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति का गठन कर वास्तविक बाजार मूल्यांकन कराया जाए।

बृजमोहन ने ने लाभांडी और निमोरा जैसे गांवों के चौंकाने वाले उदाहरण देकर बताया कि किस प्रकार बिना किसी वास्तविक मूल्यांकन के गाइडलाइन दरों में 725% और 888% तक की वृद्धि कर दी गई है, जो किसी भी आर्थिक न्याय का पालन नहीं करती। साथ ही, नवा रायपुर के ग्रामीण क्षेत्रों को बिना आवश्यक सुविधाएं विकसित किए नगरीय क्षेत्र घोषित करने पर भी उन्होंने गंभीर सवाल उठाए हैं।

सीएम को लिखे पत्र में सांसद ने कहा कि नवा रायपुर में सम्मिलित ग्रामीण क्षेत्रों को नगरीय क्षेत्र से करने तथा पंजीयन शुल्क 4% से घटाकर 0.8% किया जाए। उन्होंने कहा कि गाइडलाइन दर में वृद्धि पर दावा किया जा रहा है कि किसानों को भूमि अधिग्रहण में अधिक मुआवजा मिलेगा। परन्तु वस्तुस्थिति बिल्कुल अलग है। भूमि का केवल 1% हिस्सा ही अधिग्रहण में आता है, किंतु 99% जनता पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डाल दिया गया है।




































