NEW DELHI NEWS. पहलगाम आतंकी हमल के बाद भारत सख्त हो गया है। इस आतंकी हमले से पूरे देश में गुस्सा है। हर देशवासी चाहता है कि इस कायराना हरकत करने वाले आतंकियों और उनके आकाओं को जवाब देना चाहिए। इस बीच, पीएम आवास पर पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की सुरक्षा कमेटी (सीसीएस) की बैठक करीब ढाई घंटे चली। इसमें पांच बड़े फैसले लिए गए। मोदी सरकार के इन फैसलों से पाकिस्तान डर गया है।
आइए विस्तार से जानते हैं फैसले और इसका मकसद-
सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित: सिंधु जल समझौते का मकसद था कि दोनों देशों में जल को लेकर कोई संघर्ष न हो और खेती करने में बाधा न आए। हालांकि भारत ने हमेशा इस संधि का सम्मान किया, जबकि पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने के आरोप लगातार लगते रहे हैं। भारत के पाकिस्तान से तीन युद्ध हो चुके हैं, लेकिन भारत ने कभी भी पानी नहीं रोका था, लेकिन पाकिस्तान हर बार भारत में आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार होता है।
ये भी पढ़ें: आतंकी हमले में मारे गए कारोबारी का आज होगा अंतिम संस्कार, दिनेश का शव देर रात रायपुर पहुंचा, परिजन के साथ लोग भी रोए
अटारी बॉर्डर बंद किया गया: अटारी चेक पोस्ट के बंद होने से पाकिस्तान के लोगों की आवाजाही तो बंद होगी ही, साथ ही छोटे सामानों को भारत निर्यात नहीं करेगा। इससे वहां के छोटे व्यापारियों को आर्थिक नुकसान होगा। भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों को इस रास्ते से लौटने के लिए 1 मई तक का वक्त दिया गया है। इसके बाद वह इस रास्ते से नहीं लौट पाएंगे। साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद से ही पाकिस्तान से द्विपक्षीय व्यापार बंद है।
ये भी पढ़ें: अब WhatsApp में वॉयस मैसेज ट्रांसक्रिप्शन का नया ऑप्शन, इन यूजर्स को ही मिलेगा लाभ
पाक नागरिकों को 48 घंटे में ही भारत छोड़ना होगा: पाकिस्तान के कई लोगों की रिश्तेदारी भारत में है। ऐसे में कई बार पाकिस्तानी लोग रिश्तेदार बनकर भारत आते हैं। इनके अलावा धार्मिक यात्राओं का बहाना करके भारत आते हैं और आतंकी हमलों को अंजाम देते हैं। ऐसे में वीजा सर्विस बंद होने से आतंकियों के भारत आने का रास्ता भी बंद हो जाएगा।
भारत ने पाकिस्तान से सभी को बुलाया: नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायुसेना सलाहकार अवांछित व्यक्ति घोषित। एक हफ्ते में भारत छोड़ना होगा। भारत भी पाक से अपने रक्षा, नौसेना, वायुसेना सलाहकारों को वापस बुलाएगा। इससे भारत में पाकिस्तानी रक्षा सलाहकारों की वापसी से दोनों देशों के बीच सैन्य-स्तर की बातचीत और संपर्क पूरी तरह बंद हो जाएंगे।
पांचवा फैसला: उच्चायोगों के स्टाफ की संख्या 55 से घटाकर 30 होगी। फैसला 1 मई से लागू होगा। इससे हाई कमीशन का प्रभाव कम होगा: स्टाफ की संख्या घटकर 55 से 30 हो जाने से पाकिस्तानी उच्चायोग की कार्यक्षमता और भारत में उसकी कूटनीतिक मौजूदगी सीमित हो जाएगी।
ये भी पढ़ें: छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में शिक्षक बर्खास्त, छात्रा के गर्भवती होने पर खुला राज
देर रात तक चली बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- ‘आतंकवाद के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है। हम सिर्फ उन्हीं तक नहीं पहुंचेंगे, जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया, बल्कि उन तक भी पहुंचेंगे, जिन्होंने परदे के पीछे बैठकर हिंदुस्तान की सरजमीं पर ऐसी नापाक हरकतों की साजिशें रची हैं। ऐसी हरकतों का जवाब आने वाले कुछ ही समय में जोरदार तरीके से नजर आएगा।