BILASPUR NEWS. ऑनलाइन ठगी करने वालों ने एक बार फिर से पढ़े-लिखे व्यक्ति को अपने जाल में फंसाया है। शहर में एडवोकेट जनरल ऑफिस के निज सचिव से इस बार ठगी की गई है। बताया जा रहा है ठगों ने बिजली विभाग का ईई बनकर कॉल किया था। कॉल करने वाले उन्हें झांसा दिया कि उनके रायपुर के मकान का मीटर अपडेट करना है। यदि अपडेट नहीं किया गया तो मीटर और बिजली का कनेक्शन काट दिया जाएगा। एक लिंक भेजकर 50 हजार रुपये ठगे है। इसकी शिकायत पुलिस में की गई है।
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बता दें, मामला चकरभाटा थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक जीनत विहार निवास अविनाश चंद्रन महाधिवक्ता कार्यालय में निज सचिव हैं। 19 मार्च को उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉला आया। कॉल करने वाले ने खुद को बिजली कंपनी का ईई बताया था। साथ ही यह भी कहा था कि रायपुर स्थित बंद पड़े मकान के बिजली के मीटर को अपडेट करना है। इसकी अंतिम तिथि भी निकल चुकी है। इसके लिए उसने तुंरत ही मीटर को अपडेट करने कहा मीटर अपडेट नहीं करने पर बिजली कनेक्शन काट देने की बात कही।
इस पर निज सचिव ने फोन करने वाले का परिचय पूछा तो कॉल करने वाले जालसाज ने खुद को सीएसईबी का कार्यपालन अभियंता बताया। उसने जिस नंबर से कॉल किया था उस नंबर के साथ सीएसईबी का मोनो भी दिख रहा था। इस वजह से उन्हें फोन करने वाले पर विश्वास हो गया।
फोन करने वाले ने उनके मोबाइल पर एक लिंक भेजा। फिर उस लिंक को डाउनलोड करने के लिए कहा। इसके बाद 13 रुपये एक नंबर पर भेजने के लिए कहा। इस पर निज सचिव अविनाश चंद्रन ने पैसे ट्रांसफर करने का प्रयास किया लेकिन पैसे ट्रांसफर नहीं हुए।
तब फोन करने वाले ने उनसे बाद में बात करने की बात कहते हुए फोन को काट दिया। कुछ देर बाद उनके एकाउंट से 1 हजार 300 रुपये कट गए। इसका मैसेज आने पर उन्हें समझ आया कि उनके साथ ठगी हुई है। फिर वे तत्काल साइबर सेल में इसकी शिकायत की। इस दौरान उनके मोबाइल पर एक और मैसेज आया। इससे पता चला कि एक अन्य बैंक खाते से भी खरीदारी हो रही है।
इसकी भी जानकारी साइबर सेल को दी। इस पर अब कोई भी रकम नहीं कटने की बात कही। लेकिन दूसरे दिन सुबह तक उनके अकाउंट में इस तरह के कई मैसेज आए। फिर अपने अकाउंट से रुपये निकालने की कोशिश की। एटीएम से पैसे भी नहीं निकले। तब तक 49 हजार 995 रुपये दूसरे के खाते में ट्रांसफर हो चुके थे। पीड़ित ने इसकी शिकायत थाने में की। इस पर जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया है।
लिंक के माध्यम से हासिल की थी जानकारी
ठगों ने निज सचिव को एक लिंक भेजा था। इस लिंक में निज सचिव से उनकी सारी जानकारी भरवाई गई थी। इस लिंक में दी गई जानकारी के आधार पर ही ठगों को उनकी सभी जानकारी मिली और ठगी को अंजाम दिया।
किसी भी लिंक पर न करें क्लिक
पुलिस विभाग हमेशा ही जागरूकता अभियान चलाकर साइबर ठगी से बचने सतर्क करती है। इसके बाद भी लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। पुलिस ने एक बार फिर से कहा है कि किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और न ही अपनी सारी जानकारी उसमें डाले। अपने बैंक का ओटीपी या फिर एटीएम पिन किसी को न बताए। कभी भी कुछ पेमेंट करना है तो विश्वसनिय साइट पर करें। अनजान लोगों को किसी तरह से बैंक या अकाउंट के बारे में न बताए।