RAIPUR NEWS. नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस भाजपा दोनों का समीकरण उनके बागी प्रत्याशी बिगाड़ रहे हैं। यही वजह है कि दोनों ही पार्टियों ने बागियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना शुरू कर दिया है। भाजपा ने अब तक 129 और कांग्रेस ने 75 बागियों को निष्कासित किया है। बागियों को लेकर कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर तंज भी कस रहे हैं।
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नगरीय निकाय चुनाव में टिकट नहीं मिलने से बागी हुए प्रत्याशी कांग्रेस और भाजपा दोनों को परेशान किए हुए हैं। बागियों की वजह से राजधानी की आधा दर्जन कंफर्म सीट कांग्रेस के लिए खतरा बनी हुई है। दोनों ही पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने बागियों को मनाने में एड़ी चोटी का जोर लगाया लेकिन उन्हें अपेक्षाकृत सफलता नहीं मिली। अब दोनों ही पार्टियों ने बागियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेना शुरू कर दिया है।
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भाजपा ने अब तक 125 बागियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। जिसमें से सर्वाधिक 29 बागी महासमुंद के हैं। इसी तरह कांग्रेस ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे 75 लोगों को पार्टी से निकाल दिया है, जिसमें से 47 तो केवल बिलासपुर के है।
पीसीसी चीफ दीपक बैज का कहना है कि हमारे यहां भाजपा की तुलना में कम बागी हैं, फिर भी हमने सभी जिला अध्यक्षों को निर्देशित किया है कि बागियों पर तत्काल कार्रवाई करें। बहुत से बागियों से चर्चा कर उन्हें समझाइश दी गई है। कुछ लोगों ने नामांकन भर दिया है लेकिन कांग्रेस के प्रत्याशी का समर्थन कर रहे हैं।
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इस पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि कांग्रेस वरिष्ठ नेताओं के खास जिन्हे टिकट नहीं मिली, वह बागी बनाकर चुनाव लड़ा रहे हैं। ऐसे में बागियों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत किसकी है।
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कांग्रेस के अपने बागियों पर कार्रवाई नहीं करने को एक रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है। अगर ऐसी स्थिति में कोई बागी जीत कर आता है, तो वह पार्टी का रहेगा लेकिन कांग्रेस की रणनीति कांग्रेस को भारी पड़ती नजर आ रही है और कार्रवाई नहीं होने से बागियों के हौसले भी बुलंद है।