JAGDALPUR. जगदलपुर नगर निगम में शहर विकास के मुद्दे पर एक बार फिर राजनीति तेज हो गई है। दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों के द्वारा एक दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं। दरअसल मंगलवार को एमआईसी के 9 सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफा बस्तर कलेक्टर को सौंप दिया है, जिसके बाद से माहौल गर्म हो गया है।
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जगदलपुर नगर निगम में एमआईसी ने इस्तीफा देने से पहले कांग्रेस कार्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता कर भाजपा और महापौर सफीरा साहू पर शहर विकास के कामों में लापरवाही बरतने और एमआईसी के सदस्यों के सुझावों को नहीं मामने का आरोप लगाया।
यही कारण बताकर इस्तीफा दिया गया है। बता दें की महापौर सफीरा साहू ने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में प्रवेश कर लिया था। जिसके चलते नगर निगम के सत्ता पक्ष में भाजपा और विपक्ष में अब कांग्रेस आ चुकी है।
कांग्रेस के आरोपों को लेकर भाजपा ने भी पलटवार किया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि महापौर के भाजपा में प्रवेश से स्वतः ही एमआईसी भंग मानी जायेगी। जबकि अब कांग्रेस इसमें राजनीति कर रही है,
कांग्रेस के शहर जिला सुशील मौर्य की तरफ से आरोप लगाया गया है कि शहर में अमृत मिशन योजना का काम पूरा नहीं हुआ। जिसके कारण करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद शहरवासियों को योजना के तहत शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है।
वहीं इस इस मामले में भाजपा नेता संजय पांडे का कहना है कि संबंधित विभाग के सभापति की जिम्मेदारी अब तक तो कांग्रेस के पार्षद ही निभा रहे थे। ऐसे में जो भ्रष्टाचार हुआ, इसकी जिम्मेदारी भी कांग्रेस की ही होगी।