RAIPUR. छत्तीसगढ़ में सरकार अब आवारा मवेशियों का सुध लेने जा रही है। दरअसल, सड़कों पर खुले में घूमने वाले बेसहारा गोवंशों की सुरक्षा और दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार में गोवंश अभ्यारण्य योजना ले कर आ रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अधिकारियों को इस संदर्भ में कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है।
राज्य में पशुधन विकास विभाग, पंचायत, राजस्व और वन विभाग के समन्वय से गौवंश अभ्यारण्य संचालित करने की योजना है। इसके क्रियान्वयन से सड़कों पर भूखे-प्यासे भटकने वाले गोवंश को न केवल नियमित आहार मिल सकेगा बल्कि उनकी उचित देखभाल और चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध होगी। गोवंश अभ्यारण्य पशुधन के लिए उचित रहवासी वातावरण से परिपूर्ण होगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि ठोस कार्ययोजना के माध्यम से भ्रष्टाचार मुक्त, सेवा, सुरक्षा और संवर्धन का ध्येय वाक्य लेकर प्रदेश में स्वामीविहीन पशुधन के लिए गोवंश अभ्यारण्य की रूपरेखा बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। प्रस्तावित योजना लागू होने पर न केवल सड़कों पर भूखे-प्यासे भटकने वाले गोवंशों को नियमित आहार, देखभाल और चिकित्सकीय सुविधा मिलेगी बल्कि दुर्घटनाओं पर भी लगाम लगेगी।
सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुधन न केवल यातायात के लिए बाधा बन रहे हैं , बल्कि आए दिन दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं। भूख से बेहाल पशुधन द्वारा कूड़ा-कचरा और प्लास्टिक खाने से उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। गोवंश अभ्यारण्य योजना इसे रोकने की दिशा में सकारात्मक कदम साबित होगी।
इन विभागों को योजना का जिम्मा
गौवंश अभयारण्य योजना राज्य में पशुधन विकास विभाग, पंचायत, राजस्व एवं वन विभाग को एक साथ मिलकर गौवंश अभयारण्य योजना का जिम्मा दिया जा रहा है। इस योजना के लागू होने पर सड़कों पर भूखे-प्यासे भटकने वाले मवेशियों को चारा मिलेगा, चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
इसलिए बड़ी जरूरत
राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि सड़कों पर घूम रहे आवारा मवेशियों की वजह से सड़क हादसों का खतरा है। ट्रैफिक जाम के भी हालात बनते हैं। भूख से बेहाल मवेशी कूड़ा-कचरा या प्लास्टिक खाने से बीमार पड़ रहे हैं, उनकी मौत हो रही है। CM साय ने करप्शन फ्री सिस्टम से काम करने को कहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि ठोस कार्ययोजना के माध्यम से भ्रष्टाचार मुक्त, सेवा, सुरक्षा और संवर्धन का ध्येय वाक्य ध्यान में रखकर ही काम होगा।