BILASPUR.छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। वहीं नाम वापसी की तिथि के बाद चुनाव चिन्हों का वितरण प्रत्याशियों को कर दिया गया है। वहीं इस दौरान एक रोचक मामला सामने आया है। जिसमें बिलासपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी ने निर्वाचन आयोग से बांसुरी को चुनाव चिन्ह के तौर पर मांगा था, लेकिन निर्वाचन आयोग ने बांसुरी के बजाए कैंची चुनाव चिन्ह के रूप में दिया।
बता दें, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बिलासपुर कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व विधायक अरूण तिवारी ने चुनाव चिन्ह के तौर पर बांसुरी को चुना था। चुनाव चिन्ह के वितरण के पूर्व ही वे बैनर पोस्टर बांसुरी चिन्ह के साथ चुनाव प्रचार कर रहे थे। लेकिन जब चुनाव चिन्ह मिला तो बांसुरी के जगह कैंची था। बांसुरी के साथ प्रचार करते नजर आ रहे ये प्रत्याशी अब लोगों के बीच कैंची लेकर पहुंचेंगे।
चुनाव आयोग ने बताया ये कारण
बांसुरी चुनाव चिन्ह उम्मीदवार को न दिए जाने पर चुनाव आयोग ने असमर्थता जाहिर की। साथ ही कारण बताया कि बांसुरी चुनाव चिन्ह किसी पार्टी के नाम पर रजिस्टर है। ऐसे में किसी अन्य को यह चिन्ह देना संभव नहीं है। इस लिए चुनाव चिन्ह बदला गया।
मतदाता भी हो जाएंगे भ्रमित
उम्मीदवार के द्वारा प्रचार के दौरान बांसुरी वाले बैनर पोस्टर लगे वाहन व पाम्पलेट बांटा गया। अब अचानक से चुनाव चिन्ह बदल जाने से प्रत्याशी के समर्थक व अन्य मतदाता भी भ्रमित हो जाएंगे।