RAIPUR. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में संविदा पदों की नियुक्ति में गड़बड़झाला का आरोप लगाते हुए स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत की गई है। शिकायतकर्ताओं ने जांच कर कड़ी कार्रवाई की मांग भी कर रहे है। शिकायतकर्ता कह रहे है कि विभाग के अधिकारी अपने करीबियों की नियुक्त कराने की लिए अड़े है। स्थिति यह है कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस.सिंहदेव के निर्देशों को भी दरकिनार कर दिया जा रहा है। वहीं शीघ्र इंटरव्यू लेकर करीबियों की भर्ती करने की प्रक्रिया भी आरंभ करने का भी आरोप लगाया जा रहा है।
आपको बता दें कि राज्य नोडल एजेंसी आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन द्वारा एसएचआरसी कालीबाड़ी के माध्यम से ज्वॉइनिंग प्रोसेस चल रही है। इसमें सुब्रोता हलधर, सुमित नायडू, धर्मेंद्र दास, छबी यादव, संतोष सागरवंशी, बादल साहू, भूपेंद्र राजपूत और आशीष सोनटेके ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस.सिंहदेव, स्वास्थ्य सेवाएं संचालक भीम सिंह को शिकायत पत्र सौंपते हुए कहा कि संविदा पदों की भर्ती के लिए अफसरों द्वार अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से प्रायोजित तरीके से नियम को तोड़-मरोड़कर अनुभव और योग्यता अनुसार नियम व मापदंड निर्धारित किए गए हैं। ताकि करीबियों को आसानी से पात्र कर दिया जाए।
भर्ती के लिए सीट्स की सौदेबाजी की शिकायतें भी लगातार सामने आते रही है। कुछ अभ्यर्थियों से कहा कि डिमांड करते हुए हमसे संपर्क भी साधा गया, जिनसे डील हुई उनका चुनाव कर लिया गया। पदों को लेकर पहले से निरंतर लेन-देन का मामला भी उठता रहा है। इस तरह अनियमितता से हेल्थ डिपार्टमेंट के कुछ लोगों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। जनकल्याण के लिए बेहतर कार्य करने वाली छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की छवि भी धूमिल करने का भी इनपर आरोप लग रहा है। मामले में अब डिपार्टमेंट के जिम्मेदार अफसरों ने कुछ कहने से भी इनकार कर दिया है।
प्रभावित हो रही सरकार की छवि
नियुक्ति प्रक्रिया में सामने आ रही गड़बड़ी की शिकायतों से कांग्रेस सरकार की इमेज भी खराब हो रही है। वहीं कुछ अफसरों ने मंत्री के निर्देशों को धत्ता बताकर मनमाने ढंग से कार्य आरंभ कर दिया है। सुब्रोता हलधर, सुमित नायडू, धर्मेंद्र दास, छबी यादव, संतोष सागरवंशी, बादल साहू, भूपेंद्र राजपूत समेत अन्य प्रतिभागियों ने आरोप लगाया है कि पदों की सौदेबाजी के लिए ढाई से पांच लाख रुपए तक की मांग की जा रही है। ऐसे में जिन्होंने पैसे दिए हैं, उनका भी चयन इमसे हुआ है। जबकि चहेतों के हिसाब से नियमों और मापदंडों को तोड़-मरोड़ कर नियुक्ति प्रोसेस की जा रही है।
PM और CM से हुई शिकायत
अभ्यर्थियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मामले की लिखित में शिकायत की है। PMO और CMO में हुई शिकायत में अभ्यर्थियों ने उचित जांच की भी मांग की है। शिकायतकर्ताओं ने अनियमितताओं का उल्लेख करते हुए इस विषय में पारदर्शिता से जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है। अभ्यर्थियों ने कहा कि अगर नियुक्त प्रक्रिया को निरस्त कर पारदर्शी प्रोसेस नहीं अपनाई जाती तो युवाओं ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के घेराव और कड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
इन पदों पर हो रही है नियुक्ति
राज्य नोडल एजेंसी आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (डाक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना) कार्यालय द्वारा भर्ती प्रोसेस चल रही है। इसमें प्रोजेक्ट मैनेजर के एक पद, NHRM मैनेजर के लिए एक पद, इंफोर्मेशन सिक्योरिटी ऑफिसर के एक पद, बिजनेस एनालिस्ट के लिए दो पद, MRS डाटा एनालिस्ट के लिए दो पद, प्राजेक्ट कॉर्डिनेटर IT के लिए चार पद, कैपेसिटी बिल्डिंग ऑफिसर के एक पद, आइईसी एक्सपर्ट के एक पद, प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर के चार पद सहित अन्य 29 पदों पर भर्ती की जा रही है। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि दावा आपत्ति की प्रक्रिया कर विभाग ने अपनी प्रायोजित लिस्ट भी जारी कर दी है। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि भर्ती प्रक्रिया में स्टेट हेल्थ रिसोर्स सेंटर कालीबाड़ी के अधिकारियों की भी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
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