तीरंदाज, रायपुर। NRDA परिसर में बीते तीन माह से बैठे आंदोलनकारी किसानों को रविवार सुबह पुलिस ने खदेड़ दिया है। पंडाल में पहुंची पुलिस ने किसानों के तंबू उखाड़े लाउडस्पीकर कुर्सी टेबल आदि सब कुछ हटा दिया गया है। प्रशासन की इस कार्रवाई के किसान नेताओं ने अलग अभियान छेड़ दिया है। अपने वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से ग्रामीणों का किसानों को एकजुट करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
बता दें नया रायपुर एनआरडीए परिसर में नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति द्वारा बीते 3 महीने से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। किसानों ने सरकार के सामने अपनी महत्वपुर्ण मांगे रखी लेकिन इस पर किसी प्रकार का विचार नहीं किया जा रहा है। बीच बीच में सरकार व किसानों की बातचीत होती रही इसके बाद भी अब तक इनकी मांगों पर एक राय नहीं बन पाई है।
नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने बताया कि रविवार सुबह 3:30 बजे से पुलिस पहुंची और पंडाल उखाड़ना शुरू कर दिया। रूपन चंद्राकर ने बताया कि पुलिस फोर्स कई किसानों को मौके से उठाकर ले गई है। सरकार ने दमनकारी नीति अपनाई है। रूपन चंद्राकर ने सभी ग्रामीणों व किसानों से एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया है।
उन्होंने कहा है गांव के लोग एकजुट हों और अपना काम बंद कर अब इस प्रदर्शन में शामिल होने का समय आ गया है। सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ गांव में बैठकें की जाएं और आंदोलन को बड़े स्तर पर ले जाने की दिशा में काम करना होगा। रूपन चंद्राकर ने कहा है कि हम सभी को एकजुट होकर लड़ना होगा तभी इस आंदोलन में सफलता पाई जा सकती है।
मेजिस्ट्रेट की उपस्थिति में हटाया गया कब्जा
इस मामले में सरकार ने अपना पक्ष रखा है। सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि आंदोलन के नाम पर बीते तीन माह से अनाधिकृत रूप से टेंट इत्यादि लगाकर धरना आंदोलन किया जा रहा है। संघर्ष समिति की कई मांगों पर सकारात्मक निर्णय लिए गए हैं समिति के पदाधिकारियों को धरना समाप्त करने मौखिक और लिखित रूप से कहा गया है। पिछले दिनों आंदोलन के दौरान एक ग्रामीण की मौत किसानों के ग़ैर ज़िम्मेदाराना रवैए के कारण हुई थी जो कि दंडाधिकारी जांच में स्पष्ट हुआ है।
दो दिन पहले भी एनआरडीए परिसर से धरना समाप्त करने हेतु पदाधिकारियों को नोटिस दिया गया है। आज सुबह प्रशासन एवं पुलिस की टीम द्वारा एनआरडीए परिसर जाकर संघर्ष समिति के उपस्थित सदस्यों को अनाधिकृत रूप से परिसर में लगाए गए टेंट एवं लाउडस्पीकर को हटाने कहा गया। स्वयं से टेंट हटाने की समझाईश दी गयी परंतु सदस्यों द्वारा मना किया गया। मैजिस्ट्रेट की उपस्थिति में अमले द्वारा अनाधिकृत टेंट को हटाया गया और सामग्री जप्त की गयी है।