रायपुर (raipur)। शीतकालीन सत्र (winter session) के दौरान विधानसभा (assembly) में बुधवार को रेडी टू ईंट (ready to brick) निर्माण मामले पर खूब हंगामा मचा। भाजपा BJP के विधायक MLA सदन में पहुंचकर नारे लगाने लगे। अध्यक्ष ने भाजपा के सभी विधायकों को निलंबित (Suspended) कर दिया।
विपक्ष का कहना था कि महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से रेडी टू ईंट तैयार करने वाली हजारों महिलाओं को रोजगार (employment) मिल रहा था। सरकार के निजी हाथों में देने के निर्णय से इनका रोजगार छीन जाएगा। इसलिए इस मामले पर विरोध से सदन में हंगामा (ruckus) हुआ। बीजेपी ने मामले पर स्थगन प्रस्ताव देकर चर्चा की मांग की।
समूह की 30 हज़ार महिलाएं प्रभावित
इस पर भाजपा के विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा- सरकार के इस फ़ैसले से 30 हज़ार समूह की महिलाएं प्रभावित हुई हैं। उन्हें रोजगार की चिंता सता रही है। वहीं अजय चंद्राकर ने जानकारी दी कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में कहा गया था कि महिला स्व-सहायता समूहों के क़र्ज़ को माफ़ किया जाएगा। उन्होंने सवाल किया कि क्या महिलाओं को बेरोजगार करना छत्तीसगढ़ का स्वाभिमान है? चंद्राकर ने कहा कुपोषण को लेकर सरकार ने जितने भी आकंड़े जारी किए सब फ़र्ज़ी हैं? ये फ़र्ज़ी आकंडों पर चलने वाली सरकार है?
अंत में चर्चा के लिए तैयार हुई सरकार
विधानसभा में विपक्ष के प्रस्ताव पर संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा हम इस मामले पर चर्चा के लिए तैयार हैं। वहीं आसंदी ने बीजेपी विधायकों के स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा स्वीकार की और चर्चा के किए 3 बजे का समय तय किया गया।
चर्चा तत्काल कराए जाने को लेकर मचा हंगामा
इधर बीजेपी के विधायकों ने आपत्ति जताई, कहा- हम चर्चा के लिए तैयार हैं, तो अभी चर्चा कराई जाए। हमें संसदीय कार्यमंत्री (parliamentary affairs minister) रविंद्र चौबे की चुनौती स्वीकार है। इसके साथ ही तुरंत चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर बीजेपी विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा (ruckus) किया।
इसलिए कर दिया गया निलंबित
रविंद्र चौबे के चर्चा कराए जाने की सहमति के बाद तत्काल चर्चा नहीं कराए जाने पर बीजेपी के विधायक सवाल करने लगे। उसके बाद बीजेपी के विधायक गर्भगृह में पहुंचकर नारेबाजी शुरु कर दी। गर्भगृह में उतरने की वजह और हंगामे को देखते हुए आसंदी ने बीजेपी विधायकों को निलंबित कर दिया।
(TNS)