रायपुर। दीपावली के साथ ही तापमान नीचे आने लगा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीरा बघेल के अनुसार गिरते तापमान में बच्चे और बुजुर्गों को विशेष देखभाल की जरूरत होगी। क्योंकि ठंडक के कारण नमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा अस्थमा, उच्च रक्तचाप और डायबिटीज के रोगियों को सतर्क रहना होगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार मौसम में बदलाव का सबसे ज़्यादा असर नवजातों और बुज़ुर्गों पर होता है। सर्दी और नमी के चलते बैक्टीरिया, वायरस या फंगल की वजह से फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है। आमतौर पर बुखार या जुकाम होने के बाद निमोनिया होता है और यह 10 दिन में ठीक हो जाता है। लेकिन पांच साल से छोटे बच्चों व 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए निमोनिया का असर जल्द होता और गंभीर भी हो सकता है। निमोनिया को टीकाकरण के जरिए रोका जा सकता है। इस समय मास्क पहनने से डबल फायदा है एक तो कोरोना से बचेंगे दूसरा धूल से होने वाली बीमारियों से भी बचाव होगा।
डॉ. बघेल ने लोगों को सलाह दी है कि सर्दी में ताजा एलं गर्म पौष्टिक आहार का सेवन करें। मामूली सी सर्दी खांसी, स्वाद ना आने, सूखी खांसी, बुखार, उम्टी-दस्त, थकान, कमजोरी महसूस होने पर कोविड की जांच अवश्य कराएं। सर्दी खांसी होने पर डॉक्टर की सलाह के बिना दवाई का सेवन करना हानिकारक हो सकता है।
अस्थमा और उच्च रक्तचाप के मरीज़ गर्म कपड़े पहनें
ठंड से अस्थमा उच्च रक्तचाप के मरीज़ के साथ-साथ बुजुर्गों को ज्यादा परेशानी होती है। इसलिए उन्हें गर्म कपड़े पहनना चाहिए। ठंड लगने पर खुद दवा लेने की बजाए तुरंत चिकित्सक से चेकअप कराना बेहतर होगा। अस्थमा उच्च रक्तचाप के मरीज को एहतियात के तौर पर ठंड से बचकर रहना चाहिये।
खानपान का रखें ध्यान
ठंड में संक्रमण काफी तेजी से फैलता है। इसलिए बेहतर होगा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आप पहले से ही एहतियात बरतें। खाने में पपीता, कद्दू, गाजर, टमाटर, पालक, अमरूद जैसे मौसमी फलों और सब्जियों का इस्तेमाल अवश्य करें।
(TNS)