बिलासपुर (Bilaspur)। रविवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश की राज्यपाल (Governor) अनुसुइया उइके ने झीरम आयोग की रिपोर्ट (Jhiram Commission report) को लेकर बयान (Statement) दिया है। राज्यपाल ने कहा है कि मैं कोई पोस्टमेन नहीं हूं, जो यहां से रिपोर्ट लेकर वहां पहुंचा दूं। आयोग की रिपोर्ट जब मुझे सौंपी गई, तो मैंने उसे अपने लीगल एडवाइजर (legal advisor) से पूछा, तो उन्होंने बताया कि रिपोर्ट सरकार (Government) को सौंप दी जाए। राज्यपाल ने बताया कि मैंने वही किया और सरकार को रिपोर्ट सौंप दी।
दो पार्टी के बीच चल रहा आरोप-प्रत्यारोप
प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उइके बिरसा मुंडा जयंती कार्यक्रम में शामिल होने बिलासपुर पहुंची थीं। कार्यक्रम में शामिल होने के पहले उन्होंने मीडियाकर्मियों से चर्चा की। बता दें कि झीरम घाटी आयोग की रिपोर्ट हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल (Registrar General of High Court) ने पिछले दिनों राज्यपाल अनुसुइया उइके को सौंपी थी। उसके बाद से मामले में पक्ष विपक्ष आमने-सामने हैं। दोनों ही पार्टी के बड़े नेता लगातार इस मामले में बयान बाजी के साथ एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
रिपोर्ट में क्या है मुझे नहीं मालूम
रिपोर्ट के मामले में राज्यपाल ने कहा कि मुझे कुछ नहीं मालूम कि मुझे रिपोर्ट क्यों सौंपी गई है। रिपोर्ट में कुछ ऐसी बात नहीं है। मैंने उसे पढ़ा भी नहीं था। राज्यपाल ने कहा कि मैं कोई पोस्टमैन तो हूं नहीं जो यहां से लेकर वहां रिपोर्ट पहुंचा दूं। उन्हें रिपोर्ट देना था, तो सीधे दे देते। मेरे भी कुछ अधिकार हैं और कानून से मिले मुझे मेरे अधिकार का प्रयोग करते हुए मैंने अपने लीगल एडवाइजर से इस मामले में बात की।
मुझे जैसे मिला वैसे सौंप दी, तो लीक कैसे हो गई
राज्यपाल ने बताया कि लीगल एडवाइजर ने मुझे रिपोर्ट सरकार को देने के लिए कहा। उनकी सलाह पर मैंने रिपोर्ट सरकार को दे दी। मुझे तो रिपोर्ट ओपन ही मिला है, वो रिपोर्ट भी 10 वॉल्यूम में 4 हजार 184 पन्नों का था। मैंने लीगल एडवाइजर के मुताबिक रिपोर्ट सरकार को सौप दी। लीक होने के मामले में राज्यपाल ने कहा कि मुझे लीक वाली बात नहीं मालूम, क्योकि रिपोर्ट मुझे मिली और मैंने सरकार को सौंपी, तो लीक कैसे हो गई। ये वही बताए जो लीक की बात कह रहे हैं।
(TNS)