BHILAI NEWS. छत्तीसगढ़ में एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी क्रम में आज यानी 18 सितंबर को 140 करोड़ रुपए के कस्टम मिलिंग घोटाले में ईडी ने दुर्ग-भिलाई में छापे मारे। ईडी की टीम ने छापेमारी के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेजों और लेन-देन से जुड़े कागजों की छानबीन की, जिसके बाद कई संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किया हैं। बता दें कि इस मामले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर की गिरफ्तारी हो चुकी है।
ईडी की छह सदस्यीय टीम ने हुडको स्थित सुधाकर रावटे के घर दबिश दी है। टीम सुधाकर रावटे से पूछताछ के साथ कस्टम मिलिंग स्कैम से जुड़े दस्तावेजों को खंगाल रही है। ईडी की छह सदस्यीय टीम दो गाड़ियों में सवार होकर सुबह-सुबह हुडको स्थित सुधाकर रावटे के घर पहुंच गई। कस्टम मिलिंग मामले में ईडी की टीम प्रदेश के 10 अलग-अलग जिले में रेड जारी है।
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इससे पहले आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने इस घोटाले में मुख्य आरोपी रिटायर्ड IAS अधिकारी अनिल टुटेजा और रायपुर के होटल कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था। दोनों से पूछताछ में मिले इनपुट के आधार पर ही ED ने भिलाई में छापा मारा है। पूछताछ में कई अधिकारियों और मिलर्स की मिलीभगत के अहम सुराग मिले हैं, जिनके चलते यह रेड की गई।
जानिए क्या पूरा मामला
छत्तीसगढ़ सरकार हर साल किसानों से धान की खरीदी करती है और उसे चावल में बदलने के लिए मिलर्स को देती है। तय शर्तों के मुताबिक, धान की मिलिंग करने पर मिलर्स को भुगतान किया जाता है। आरोप है कि इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ। कई जगहों पर धान की मिलिंग कागजों पर ही दिखाकर भुगतान उठा लिया गया। इसके अलावा अधिकारियों और मिलर्स की मिलीभगत से करोड़ों रुपए की अवैध वसूली की गई। जांच एजेंसियों का कहना है कि इस घोटाले का पैमाना 140 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है।