PENDRA NEWS. गौरेला पेंड्रा मरवाही में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा विवाद का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है । आज इस संबंध में अजीत जोगी के पुत्र और जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ली । अमित जोगी ने कहा कि गौरेला पेंड्रा मरवाही में कुछ लोगों ने अजीत जोगी की प्रतिमा उखाड़कर कचरे में फेंक दिया था । अब तक ना प्रतिमा पुनर्स्थापित हो पाई है और ना ही दोषी पकड़े गए ।
उन्होंने कहा कि हमे इस सरकार से अब उम्मीद भी नहीं हैं । उन्होंने पूछा कि ये प्रतिमा जोगी परिवार के निजी जमीन पर लगाई गई थी, तो उसे किस आधार से हटाया गया ? उन्होंने धमकी दी कि अगर एक महीने के अंदर प्रतिमा पुनर्स्थापित नहीं की गई, तो हम इसके लिए बड़ा आंदोलन करेंगे । क्रेन से मूर्ति को लेकर रायपुर CM हाउस आएंगे।
वहीं अजीत जोगी की पत्नी और पूर्व विधायक रेणु जोगी ने कहा कि साय सरकार को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के सम्मान का ख्याल रखना चाहिए । गौरेला पेंड्रा मरवाही और प्रदेश की जनता की भावना के अनुरूप उनकी प्रतिमा वहीं लगाई जानी चाहिए ।
इस पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मान सम्मान का पूरा ख्याल रखा जाएगा। अगर जिला प्रशासन द्वारा इस पर आपत्ति की गई है, तो जरूर उसकी कोई बड़ी वजह होगी। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए ।
अमित जोगी ने कलेक्टर के सामने जमीन से संबंधित दस्तावेजों को रखा
बता दें कि मूर्ति को ज्योति तिराहे पर स्थापित करने और चोरों को पकड़ने के लिए अमित जोगी लगातार प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं। बीते सोमवार को अमित जोगी अपनी मां रेणु जोगी के साथ कलेक्टर दफ्तर पहुंचे थे। अमित जोगी ने कलेक्टर के सामने जमीन से संबंधित दस्तावेजों को रखा। अमित जोगी ने बताया कि जिस जगह पर मूर्ति की स्थापना की जानी है उस जगह का सहमति पत्र और स्वामित्व दस्तावेज उनके पास है। जोगी ने जिला प्रशासन से मूर्ति चोरी करने वालों को जल्द गिरफ्तार करने की भी मांग की थी।
इसके पहले बीते दिनों भी अमित जोगी ने मूर्ति चोरी के विरोध में मार्च निकालकर विरोध जताया था। जोगी ने जिला प्रशासन को 7 दिनों का अल्टीमेटम दिया था। जोगी परिवार ने सोमवार को कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी से कहा कि वो जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कराएं। इसके साथ ही प्रस्तावित जगह पर मूर्ति की स्थापना हो इसका भी प्रबंध करें। अमित जोगी ने बताया कि कांग्रेस के शासनकाल में तत्कालीन प्रभारी मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने विधायक निधि से पैसे भी आवंटित किए थे। जिसमें मूर्ति के पास छोटा सा पार्क भी बनाना था। इसके लिए नगर पंचायत को निर्माण एजेंसी भी तत्कालीन विधायक डॉ रेणु जोगी ने ही तय किया था, क्योंकि मूर्ति निजी जमीन पर लगनी थी।