RAIPUR NEWS. अवैध कोल परिवहन केस में बड़ी राहत मिली है। दरअसल, रायपुर केंद्रीय जेल में पिछले ढाई साल से बंद निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर विश्नोई, राप्रसे की अधिकारी सौम्या चौरसिया समेत 7 लोगों को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है। सभी ढाई साल बाद शनिवार सुबह कोर्ट से बाहर आएंगे। हालांकि रानू, समीर, सौम्या और सूर्यकांत को छत्तीसगढ़ के बाहर रहना होगा। बाकी अपने घर जा सकेंगे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से जमानत के बाद सातों को शुक्रवार रात 8 बजे जेल से बाहर आना था, लेकिन आदेश कॉपी पर हस्ताक्षर नहीं हो पाया था। इसलिए उनका बाहर आना एक दिन टल गया है। अवैध कोल परिवहन केस में 23 अक्टूबर 2022 को ईडी ने आईएएस समीर विश्नोई को गिरफ्तार किया है। तब से रायपुर जेल में बंद हैं। उनके बाद राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया। फिर ईओडब्ल्यू में भी इस केस में मामला दर्ज किया गया।
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8 नवंबर 2024 को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ आय से संपत्ति का केस दर्ज किया गया। आईएएस रानू साहू को ईडी ने जुलाई 2023 में कोल मामले में गिरफ्तार किया। एक साल बाद ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई शुरू की। कारोबारी सूर्यकांत तिवारी 29 अक्टूबर 2022 से जेल में बंद हैं। सूर्यकांत पर अवैध कोल परिवहन, आबकारी घोटाला और डीएमएफ घोटाला का केस दर्ज है।
जानकारी के अनुसार खनिज अधिकारी संदीप नायक, सूर्यकांत का बड़ा भाई रजनीकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर को भी जमानत मिल गई है। ये तीनों भी जेल से बाहर आ जाएंगे। इस मामले में कारोबारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी, शिव शंकर नाग, दीपेश टांक समेत अन्य को जमानत मिल चुकी है। सभी बाहर है।
सुप्रीम कोर्ट ने इन शर्तों पर जमानत दी
सूर्यकांत तिवारी, रानू साहू, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया के मामले में, यह निर्देश कि वे अगले आदेश तक छत्तीसगढ़ राज्य में नहीं रहेंगे। वे आवश्यकतानुसार जांच एजेंसी या ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित होते रहेंगे। ये भी निर्देश है कि वे अपनी रिहाई के 1 सप्ताह के भीतर राज्य के बाहर अपने रहने का पता पेश करें। उन्हें अपने रहने के स्थान की जानकारी भी अधिकार क्षेत्र के थाने में देना होगा। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देशित किया है कि वे अंतरिम जमानत पर रिहा होने के तुरंत बाद अपने पासपोर्ट विशेष अदालतों में जमा करें, वे जांच में शामिल होंगे और पूरा सहयोग करेंगे।