NEW DELHI. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। इसकी पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है। दरअसल, एक यूरोपियन महिला ने इस एक्सप्रेस वे पर पानी का गिलास कार में रखकर ड्राइव किया। इसके बाद उसने यूरोप के सबसे बेहतरीन माने जाने वाले एक्सप्रेस वे की राइड का एक वीडियो से इसकी तुलना की।महिला ने कहा कि भारत का एक्सप्रेस वे कई मायनों में बेहतर है और पूरी दुनिया को इससे सीखने की जरूरत है। वीडियो में यूरोपीय नागरिक करोलिना गोस्वामी दिल्ली-मुंबई हाईवे पर कार चला रही हैं। उन्होंने इस टेस्ट का वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर विवरण में अपलोड किया है।
इतनी खूबियां बताईं कि सीना चौड़ा हो जाएगा
उन्होंने बताया कि इस एक्सप्रेस वे को बनाने में बहुत कम समय लगा, जबकि यूरोप में एक्सप्रेस वे को बनाने में बहुत समय लगता है, जो फ्रस्टेट करने वाला होता है। दूसरा, भारत के इस एक्सप्रेस वे की क्वालिटी यूरोप के एक्सप्रेस वे की तुलना में बहुत शानदार है। पूरी दुनिया को भारत से यह सीखना चाहिए।तीसरा, यूरोप में कई जगहों पर अभी भी मैनुअली टोल कलेक्ट किए जाते हैं। जबकि भारत जैसे विशाल देश में एक्सप्रेस वे और हाईवे पर फास्टटैग के जरिये टोल कलेक्ट किए जा रहे हैं, जो यात्रा को बहुत सुलभ बना देते हैं। चौथा, इसके अलावा यूरोपीय देशों की तुलना में भारत में टोल टैक्स की राशि भी काफी कम है। पांचवा एक्सप्रेस वे पर कई जगहों पर खेलने के लिए पार्क और ओपन जिम भी खोले गए हैं, जो काफी इंप्रेसिव हैं।
ऐसा रास्ता उन्होंने पहली बार देखा था
वीडियो में महिला ने कहा कि उसे यह एक्सप्रेसवे बहुत पसंद है। साथ ही भारत में बने इस एक्सप्रेसवे की तुलना यूरोप और अमेरिका के एक्सप्रेसवे से भी। करोलिना ने कहा कि वह अपने काम के सिलसिले में अमेरिका और कई यूरोपीय देशों की यात्रा कर चुकी हैं, लेकिन उन्होंने ऐसी यात्रा कहीं नहीं देखी।
2024 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट
बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 12 फरवरी 2023 को इस एक्सप्रेसवे के पहले चरण का उद्घाटन किया। एक्सप्रेसवे पर काम पूरा नहीं हुआ है और परियोजना के 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है। पहले चरण में, दिल्ली से राजस्थान में जयपुर तक 246 किलोमीटर की सड़क खोली गई थी।
वाटर ग्लास टेस्ट को ऐसे समझें
यूरोपियन महिला द्वारा हाईवे पर किए गए टेस्ट को वॉटर बॉटल टेस्ट या वॉटर ग्लास टेस्ट कहा जाता है। इस प्रकार का परीक्षण यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि सड़कें कितनी सीधी या चिकनी हैं। यह परीक्षण हाल के वर्षों में बहुत लोकप्रिय हो गया है। टेस्ट में पानी से भरी बोतल या गिलास को कार के डैशबोर्ड पर रखकर देखा जाता है कि पानी छलकता है या नहीं। अगर गिलास से पानी निकल जाए, तो सड़कें बहुत अच्छी गुणवत्ता की नहीं मानी जाती हैं।