BHILAI. अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने दुनियाभर के सर्वश्रेष्ठ दो फीसदी वैज्ञानिकों की सूची जारी कर दी है। इसमें भिलाई के रूंगटा फॉर्मास्यूटिकल साइंस एंड रिसर्च (आर-1) के प्राचार्य डॉ.एजाजुद्दीन को भी शामिल किया गया है। डॉ.एजाज के अलावा इस सूची में रायपुर के पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में फार्मेसी विभाग के प्रमुख व पूर्व कुलपति डॉ.शैलेंद्र सराफ, यहीं से डॉ.स्वर्णलता सराफ, पीसीआई एजुकेशन रेगुलेटरी कमेटी के चेयरमैन डॉ.दीपेंद्र सिंह और रविवि की ही डॉ.मंजू सिंह को दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों की सूची में जगह मिली है।

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा दुनियाभर के वैज्ञानिकों की सूची जारी की है। इसमें एक हजार 492 वैज्ञानिक भारतीय हैं। ये मुकाम फॉर्मेसी की फील्ड में शानदार रिसर्च और मेडिसीन में नवाचार जैसी उपलब्धियों की वजह से हासिल हुआ है।

मिला चुका है लाखों का अनुदान
डॉ.एजाजुद्दीन ने अपनी फॉर्मेसी की पढ़ाई मध्यप्रदेश स्थित सागर के केंद्रीय विश्वविद्यालय डॉ.हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी से पूरी की। इसके बाद रायपुर की पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से फॉर्मास्यूटिकल साइंस में पीएचडी की उपाधि हासिल की। प्रोफेसर शैलेंद्र सराफ ही उनके गाइड थे। डॉ.एजाज को सोसाइटी ऑफ फॉर्मास्यूटिकल साइंस ने बेस्ट साइंटिस्ट अवॉर्ड से नवाजा है। यही नहीं भारत सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग ने 40 लाख रुपए का अनुदान रिसर्च को आगे बढ़ाने के लिए दिया है। वर्तमान में वे रूंगटा आर-1 ग्रुप में डायरेक्टर रिसर्च एंड डेवलपमेंट के पद पर कार्यरत हैं।

मरीजों को सस्ती दवा उपलब्ध करवाने कर रहे शोध
डॉ.एजाजुद्दीन ने ड्रग के विकल्पों पर शोध कार्य कर रहे है। उन्होंने बताया कि वे एंटी कैंसर ड्रग के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए दवाई तैयार कर रहे हैं। इससे मरीज को कम तकलीफ में कैंसर के इलाज का श्रेष्ठ रास्ता मिलेगा। इसके साथ ही सोसायसिस के इलाज के लिए सस्ती दवाई भी तैयार हो रही है। इस ड्रग की देश के नामचीन वैज्ञानिकों ने भी प्रशंसा की है। इसी तरह रिसर्च को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने संसाधन देने का वादा किया है। डॉ.एजाज की इस उपलब्धि पर संस्था के चेयरमैन संतोष रूंगटा ने सराहना की है।





































