BILASPUR NEWS. सेंट्रल यूनिवर्सिटी में लगातार हो रही रहस्यमयी मौतों ने कैंपस को दहशत के साए में ला दिया है। तालाब में छात्र की लाश मिलने का विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि मंगलवार सुबह बॉटनी विभाग के प्रोफेसर डॉ. नरेंद्र कुमार मिश्रा अपने क्वार्टर में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। उनकी उम्र लगभग 55 वर्ष थी और वे पिछले तीन साल से यूनिवर्सिटी कैंपस में अकेले रह रहे थे।

घटना सुबह करीब 6 बजे सामने आई, जब फिजिक्स विभाग के डीन डॉ. एच.एस. तिवारी मॉर्निंग वॉक के दौरान प्रोफेसर के क्वार्टर से कराहने की आवाजें सुनकर रुके। गार्ड प्रभारी बाबूराम खत्री को बुलाया गया, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था। खिड़की का शीशा तोड़कर दरवाजा खोला गया, जहां प्रो. मिश्रा फर्श पर गिरे थे और कठिनाई से सांस ले रहे थे।

एम्बुलेंस बुलाया गया, लेकिन हैरानी की बात यह कि एम्बुलेंस में न तो ऑक्सीजन सिलेंडर था और न ही स्ट्रेचर। कर्मचारियों ने किसी तरह उन्हें उठाकर सिम्स अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

15 दिन पहले छात्र की लाश, अब प्रोफेसर की मौत
याद रहे कि सिर्फ 15 दिन पहले विश्वविद्यालय के तालाब में बीएससी फिजिक्स के छात्र अर्सलान अंसारी की लाश मिली थी। यह मामला अभी तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुआ है। इन दो घटनाओं के चलते कैंपस में डर का माहौल है। छात्र और कर्मचारी कैंपस की सुरक्षा और प्रबंधन पर सवाल उठा रहे हैं।

परिजनों ने जताया शक
प्रो. मिश्रा के पुत्र अवनीश मिश्रा शाम को बिलासपुर पहुंचे। उन्होंने बताया “रात में पापा से बात हुई थी, वे बिल्कुल ठीक थे… अचानक ऐसा कैसे हो सकता है? परिजनों और सहकर्मियों ने एम्बुलेंस की लापरवाही को भी मौत का बड़ा कारण माना है।




































