RAIPUR NEWS. कोल और डीएमएफ (DMF) घोटाले में गिरफ्तार किए गए वरिष्ठ अफसरों को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद शुक्रवार सुबह रायपुर सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। रिहा होने वालों में निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर विश्नोई, राज्य सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया, रजनीकांत तिवारी, वीरेन्द्र जायसवाल और संदीप नायक शामिल हैं। खास बात यह रही कि रानू साहू जेल से चुपचाप पिछले गेज से बाहर निकलकर सरकारी वाहन से देवेंद्र नगर स्थित अपने पति जयप्रकाश मौर्य के घर पहुंचीं। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिलने के बाद शुक्रवार सुबह जेल से रिहाई की प्रक्रिया पूरी की गई। मीडिया से बचाते हुए सभी को जेल के पिछले गेट से बाहर निकाला गया।
रिहा होते ही सभी अफसर चुपचाप अपनी-अपनी गाड़ियों में सवार होकर रवाना हो गए। रानू साहू सरकारी वाहन से देवेंद्र नगर स्थित अपने पति जयप्रकाश मौर्य के घर पहुंचीं। उनके साथ दो बड़े ट्रैवल बैग भी थे। घर पहुंचने पर परिजनों और स्टाफ ने फूल बिछाकर उनका स्वागत किया। इसी कॉलोनी में समीर विश्नोई भी रहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों को यह शर्तों के साथ ज़मानत दी है कि वे आगामी आदेश तक छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर रहेंगे। उन्हें अपनी वर्तमान निवास की जानकारी संबंधित ट्रायल कोर्ट को देनी होगी। वे केवल जांच एजेंसी या अदालत के समन पर ही राज्य में प्रवेश कर सकेंगे। इसके अलावा सभी को अपना पासपोर्ट विशेष अदालत में जमा करना होगा।
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने समीर विश्नोई को 13 अक्टूबर 2022, सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर 2022 और रानू साहू को 22 जुलाई 2023 को गिरफ्तार किया था। बाद में इन मामलों में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) ने भी प्राथमिकी दर्ज की थी। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद शुक्रवार शाम कोर्ट के आदेश की प्रति रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचाई गई, जिसके बाद रिहाई की प्रक्रिया पूरी हुई।
अन्य आरोपियों की सुनवाई बाकी
इस मामले में आरोपी सूर्यकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर को भी सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है, लेकिन उनके खिलाफ डीएमएफ मामले में सुनवाई 18 जून को होनी है। ऐसे में फिलहाल उन्हें रिहाई नहीं मिल पाई है।
यह मामला छत्तीसगढ़ के सबसे चर्चित घोटालों में से एक बन गया है, जिसमें नौकरशाहों और अन्य अधिकारियों पर कोयला लेन-देन और फंड के दुरुपयोग के गंभीर आरोप हैं।