BILASPUR NEWS. हाईकोर्ट ने डीपी विप्र महाविद्यालय को ऑटोनॉमस नहीं होने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एके प्रसाद ने फैसला सुनाया है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमानुसार ऑटोनॉमस का दर्जा देने का आदेश दिया है। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय को 30 दिनों के अंदर अधिसूचना जारी करने कहा है।
बता दें, यूजीसी ने जनवरी 2024 में डीपी विप्र कॉलेज को 10 साल के लिए ऑटोनॉमस का दर्जा दिया था। इसके बाद भी अटल बिहार वाजपेयी विश्वविद्यालय ने कार्यपरिषद की बैठक में कॉलेज को ऑटोनॉमस का दर्जा नहीं देने का निर्णय लिया। इसके लिए विश्वविद्यालय ने कॉलेज में प्राचार्य, शिक्षकों सहित अन्य कई कमियां होने को कारण बताया था।
साथ ही यह कहा कि विश्वविद्यालय के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है जिसके कारण कॉलेज को ऑटोनॉमस का दर्जा नहीं देंगे। इस पर कॉलेज प्रबंधन ने हाईकोर्ट में विश्वविद्यालय के फैसले को सुनौती देते हुए याचिका दायर की। याचिका में बताया गया कि अगर यूजीसी ने ऑटोनॉमस का दर्जा दिया है तो उसे विश्वविद्यालय नहीं रोक सकती है। वहीं विश्वविद्यालय ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि कॉलेज ने बिना अनुमति के कोर्स शुरू कर दिया। साथ ही साथ मांगी गई जानकारी नहीं दी जा रही है।
विश्वविद्यालय ने यह भी कहा कि कॉलेज ने यूजीसी से स्वायत्ता के लिए आवेदन करते समय विश्वविद्यालय को जानकारी नहीं दी। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विश्वविद्यालय के तर्कों को खारिज करते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
वहीं कॉलेज की याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि सीजीसी का आदेश बध्यकारी है। विश्वविद्यालय को 30 दिनों के भीतर अधिसूचना जारी करनी थी। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। हाईकोर्ट ने माना कि कॉलेज ने सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी की थी। विश्वविद्यालय की आपत्तियों में कोई दम नहीं है। विश्वविद्यालय को 30 दिनों के भीतर अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया है।