BILASPUR NEWS. रेलवे के चीफ इंजीनियर के रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। रिश्वत में छोटी-मोटी नहीं बल्कि 32 लाख रुपये की मांग की थी। रिश्वत के बदले में शहर के नामी कॉन्ट्रेक्टर को करोड़ों का ठेका दिलाने की बात कही थी। चीफ इंजीनियर विशाल आनंद ने रिश्वत के लिए झाझरिया कंपनी के एमडी से डील तय की थी। इसकी जानकारी सीबीआई को हुई तो पर्दाफाश करते हुए चीफ इंजीनियर व कंपनी के एमडी को धरदबोचा है।
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बता दें, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर जोन में करोड़ों का ठेका दिलाने के नाम पर चीफ इंजीनियर ने 32 करोड़ की रिश्वत मांगी थी। रेलवे में हजारों करोड़ के काम चल रहे है। इसमें झाझरिया कंपनी को अधिकतर टेंडर मिला है। ऐसे में सीबीआई जांच के माध्यम से रिश्वत लेने का खुलासा हुआ है। अभी कंपनी 395 करोड़ का काम कर ही रही है।
ऐसे में और भी नए ठेके दिलाने के नाम पर रिश्वत की मांग की गई थी। झाझरिया कंपनी के एमडी ने भी 32 लाख रुपये देने की पूरी तैयारी कर ली थी। इसी बीच चीफ इंजीनियर ने यह रकम खुद न लेकर अपने भाई को रांची में देने के लिए कहा था। इस पर कंपनी का एक कर्मचारी रांची रिश्वत की रकम लेकर पहुंचा। सीबाआई इस मामले में काफी समय से जांच कर रही थी।
बताया जा रहा है कि इस दौरान सीबीआई को पता चला कि 21 अप्रैल को रिश्वत की बात झाझरिया कंपनी के ऑफिस में तय हुई। इसके लिए खुद चीफ इंजीनियर कंपनी के ऑफिस पहुंचे थे। बाद में पूरी तरह से निगरानी रखते हुए रिश्वत की रकम देते हुए कंपनी के कर्मचारी मनोज पाठक को चीफ इंजीनियर के भाई कुणाल आनंद को रकम देने के लिए पहुंचा।
तब सीबीआई की टीम भी आनन-फानन में रांची पहुंची और कंपनी के कर्मचारी को धरदबोचा। इसके बाद झाझरिया कंपनी के ऑफिस में छापेमारी की गई। कंपनी के एमडी सुशील झाझरिया को भी हिरासत में लिया गया।
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कई बड़े नाम भी आ सकते हैं सामने
फिलहाल इस रिश्वत कांड के बाद से ही सीबीआई रेलवे के अन्य बड़े अफसरों पर भी नजर रखे हुए है। जांच भी की जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि जांच के दौरान और भी कई नाम रिश्वत कांड में सामने आ सकते हैं।