SUKMA NEWS. छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म करने का अभियान तेजी से चल रहा है। इस दौरान उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा लगातार नक्सलियों के गढ़ में दौरा कर भय को खत्म होने का संदेश दे रहे हैं। इसी क्रम में रविवार या 13 अप्रैल को सुकमा पहुंचे और देर रात रायपुर पहुंच गए। दरअसल, रात में रायपुर आना खबर नहीं, बल्कि डिप्टी सीएम रात में झीरम घाटी होते हुए रायपुर पहुंचे। यह वही रास्ता है, जिसमें नक्सलियों ने कांग्रेस के 30 नेताओं की हत्या कर दी थी। माना जा रहा है कि नक्सलियों का खौफ खत्म होने का संदेश आमजनों को देने के लिए गृहमंत्री विजय शर्मा का काफिला झीरम घाटी से गुजरा है।
गौरतलब है कि बस्तर की झीरम घाटी को नक्सलियों का गढ़ माना जाता रहा है, जहां राजनीतिक काफिले पर नक्सलियों ने अब तक का सबसे बड़ा हमला किया था। 25 मई 2013 को विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी की ‘परिवर्तन रैली’ के दौरान नक्सलियों ने कांग्रेस के सारे शीर्ष नेतृत्व की हत्या कर दी थी। तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 30 से अधिक कांग्रेस नेता और सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।
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नक्सलियों के निशाने पर ‘बस्तर टाइगर’ के नाम से जाने जाने वाले महेंद्र कर्मा ही थे। नक्सलियों ने उन्हें 50 से अधिक गोली मारी थी। इस घटना के बाद से झीरम घाटी से गुजरते हुए लोगों की रूह काप उठती है, इस खौफ को खत्म करने के लिए सरकार अब प्रयास किया जा रहा है।
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बता दें कि डिप्टी सीएम विजय शर्मा एक दिवसीय दौरे पर सुकमा पहुंचे थे। लेकिन इस बीच खराब मौसम और रात होने के कारण सड़क मार्ग से ही वे रायपुर के लिए रवाना हो गए। इस दौरान गृहमंत्री विजय शर्मा का काफिला छत्तीसगढ़ की बहुत चर्चित झीरम घाटी से गुजरा । इसका वीडियो भी सामने आया है। राज्य की विष्णुदेव साय सरकार और केंद्र सरकार बस्तर से नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन भी दे दी है।
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इसके अलावा गृहमंत्री ने पुनर्वास केंद्र में पूजा-अर्चना की सुविधा के लिए देवस्थली (Religious Space) स्थापित करने की बात कही, ताकि पूर्व नक्सली सामाजिक और आध्यात्मिक रूप से भी सामान्य जीवन की ओर बढ़ सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज जैसे राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी, आयुष्मान कार्ड और बैंक पासबुक जल्द से जल्द उपलब्ध कराए जाएं।
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इस दौरे के बाद रात में खराब मौसम के चलते शर्मा ने सुकमा से रायपुर की यात्रा सड़क मार्ग से की। इस दौरान वे झीरम घाटी से भी गुजरे, जो कि कभी नक्सली हिंसा का गढ़ रहा है। उनका यह फैसला न सिर्फ साहसिक था, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकार अब इन इलाकों को सामान्य स्थिति में लाने के लिए कितनी प्रतिबद्ध है।
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इस दौरान उनके साथ बस्तर सांसद महेश कश्यप, महिला आयोग की सदस्य दीपिका सोरी, बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी., सुकमा कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव, एसपी किरण चव्हाण, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।