NEW DELHI NEWS. सड़क हादसे के पीड़ितों को इस मार्च से कैशलेस इलाज मिलेगा। केंद्र सरकार इसके लिए संशोधित योजना लाएगी। इसके तहत, पीड़ित दुर्घटना की तारीख से 7 दिनों की अवधि के लिए अधिकतम 1.5 लाख रुपए की राशि के इलाज के हकदार होंगे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार यह योजना किसी भी श्रेणी की सड़क पर मोटर वाहनों के उपयोग से होने वाले सड़क हादसों पर लागू होगी।
पिछले साल 14 मार्च को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों को कैशलेस उपचार देने के लिए चंडीगढ़ में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। इसे बाद में छह राज्यों तक बढ़ाया गया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) पुलिस, अस्पतालों और राज्य स्वास्थ्य एजेंसी के समन्वय से इसकी क्रियान्वयन एजेंसी होगी। सरकार पायलटों की तर्ज पर वाणिज्यिक ड्राइवरों के लिए काम के घंटे तय करने की नीति बनाने के लिए श्रम कानूनों का अध्ययन कर रही है।
ये भी पढ़ें: सैनिक स्कूल में प्रवेश परीक्षा के लिए इस तारीख तक आवेदन सकेंगे स्टूडेंट्स, इस बार 300 अंकों का होगा Exam
इसके साथ ही, मंत्रालय ने देशभर में ड्राइविंग ट्रेनिंग पॉलिसी लॉन्च कर दी है। गडकरी ने बताया कि 42वीं परिवहन विकास परिषद की बैठक में सड़क सुरक्षा प्राथमिकता में रही। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि वाहन बनाने वाली कंपनियां जो भी भारी वाहन यानी बस और ट्रक बनाएंगी, उसमें तीन सुरक्षा तकनीकें अनिवार्य से रूप से होंगी। माना जा रहा है कि यह तकनीकें ट्रक और बसों को ट्रेनों के ‘कवच’ सुरक्षा प्रणाली जैसी सुरक्षा दे सकती हैं।
ये भी पढ़ें: धर्मांतरण पर पंडित प्रदीप मिश्रा के बयान, कांग्रेस ने बताया बीजेपी का एजेंट, भाजपा ने लगाए पिछली सरकार पर गंभीर आरोप
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सड़क हादसों को रोकने के लिए भारी वाहनों में तीन तकनीकें अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। इलेक्ट्रानिक स्टेबिलिटी कंट्रोल और आटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम से दो वाहनों के टकराव को रोका जा सकता है, जबकि ड्राइवर ड्राउजीनेस सिस्टम अलर्ट ऐसा आडियो सिस्टम होगा यह भांप लेगा कि ड्राइवर को झपकी या आलस आ रहा है और ड्राइवर को सतर्क कर देगा।
ये भी पढ़ें: कन्या छात्रावास में 11वीं की छात्रा बनी मां, शिक्षा विभाग में हड़कंप, छात्रावास अधीक्षिका निलंबित
इस दौरान गडकरी ने बताया कि वर्ष 2024 में सड़क हादसों में जिन 1.80 हजार लोगों की मृत्यु हुई है, उसमें 35 हजार मौतें बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाले ड्राइवरों की वजह से हुई हैं। ड्राइवर प्रशिक्षित हों, इसके लिए मंत्रालय ने ड्राइवर ट्रेनिंग पॉलिसी लांच की है। इसके तहत देशभर में 1250 नए ट्रेनिंग सेंटर और फिटनेस खोले जाएंगे।