NEW DELHI NEWS. टेक्नोलॉजी अपडेट के साथ ही टेलीकॉम कंपनी भी अपडेट हो रही है। इस बीच, बड़ा अपडेट सामने आया है। सेवा गुणवत्ता से जुड़े नए नियम के मुताबिक आगामी एक अक्टूबर से इसे अनिवार्य कर दिया गया है। अभी ग्राहकों को यह पता नहीं होता है कि टेलीकॉम कंपनियां किन जगहों पर कौन-सी सेवा दे रही है, लेकिन इस बदलाव से अब टेलीकॉम कंपनियों की वेबसाइट पर जाकर यह आसानी से जाना जा सकेगा कि किस इलाके में वे 2जी, 3जी, 4जी और 5जी में से कौन-सी सेवा दे रही है।
सेवा गुणवत्ता के नए नियम के मुताबिक आगामी एक अक्टूबर से संचार के लिए सुरक्षित यूआरएल व ओटीटी लिंक वाले मैसेज ही भेजे जा सकेंगे। ट्राई ने 30 सितंबर तक 140 सीरीज से शुरू होने वाले सभी टेलीमार्केटिंग कॉल को डिजिटल लेजर प्लेटफार्म पर शिफ्ट होने के लिए कहा है ताकि उनकी निगरानी आसानी से हो सके। टेलीकॉम कंपनियां अब अनिवार्य रूप से अपनी सेवा की गुणवत्ता से जुड़े कई मानकों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर देंगी। अभी टेलीकॉम कंपनियों की तरफ से सार्वजनिक रूप से ऐसी कोई जानकारी नहीं दी जाती थी।
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टेलीकॉम कंपनियों की नेटवर्क समस्या को दूर करने के लिए अब मोबाइल सेवा के प्रदर्शन की निगरानी अगले साल अप्रैल से मासिक स्तर पर की जाएगी। अभी मोबाइल प्रदर्शन की निगरानी तिमाही रूप से होती है। मोबाइल प्रदर्शन की बारीक जानकारी के लिए भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) अपने स्तर पर नेटवर्क उपलब्धता, कॉल ड्रॉप, वॉइस ड्रॉप के आंकड़े जुटाएगा।
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ट्राई ने सभी टेलीकॉम कंपनियों से गुणवत्ता सेवा की निगरानी के लिए उन्हें अपनी ऑनलाइन प्रणाली को अपग्रेड करने के लिए कहा है। ट्राई ने सेलुलर मोबाइल टेलीफोन सेवा नियामक 2009, वायरलेस डेटा गुणवत्ता सेवा नियामक 2012 और ब्राडबैंड सेवा नियामक 2006 की जगह पिछले महीने एकीकृत नियामक अधिसूचित किया है जो आगामी एक अक्टूबर से प्रभावी हो रहा है।