RAIGARH. रायगढ़ लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा हुए एक सप्ताह हो चुके हैं। लेकिन अब तक कांग्रेस का चुनाव प्रचार अभियान शुरु नहीं हो पाया है। कांग्रेस संगठन की बैठकें जरूर शुरु हो गई हैं लेकिन डोर टू डोर संपर्क के मामले में कांग्रेस अब तक पिछड़ी हुई है।
ऐसे में भाजपा कांग्रेस पर तंज कस रही है। सियासी जानकारों का भी कहना है कि कांग्रेस प्रत्याशी के पास चुनाव प्रचार के लिए समय कम है और लोकसभा क्षेत्र काफी बड़ा। ऐसे में कांग्रेस को सधी हुई रणनीति के साथ काम करने की जरूरत है।
रायगढ़ लोकसभा सीट में लगातार मिल रही हार के बाद कांग्रेस इस चुनाव को हर हाल में जीतने का दावा कर रही है। तैयारियों की बात करें तो अब तक कांग्रेस पूरी तरह इलेक्शन मोड में नहीं आ पाई है। कांग्रेस में चुनाव प्रचार तो दूर अब तक चुनाव कार्यालय भी नहीं खुल पाया है। दो दिन पहले संगठन स्तर पर बैठकें जरूर शुरु हुई है लेकिन जनसंपर्क की शुरुआत अब तक नहीं हो पाई है।
जानकारों का कहना है कि कांग्रेस प्रत्याशी डा मेनका सिंह सारंगढ़ के लिए भले ही जाना पहचाना चेहरा हो लेकिन रायगढ़ जशपुर क्षेत्र में जनसंपर्क के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी होगी। जितना बड़ा लोकसभा क्षेत्र है उस लिहाज से प्रचार के लिए समय कम है। लिहाजा कांग्रेस को सधी हुई रणनीति के साथ काम करने की जरुरत है।
इधऱ भाजपा भी कांग्रेस की स्थिति को लेकर तंज कस रही है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस में ऐसे हालात बन गए हैं कि कोई चुनाव लड़ना नहीं चाहता था। किसी तरह प्रत्याशी तय किया गया है लेकिन कांग्रेस का प्रचार कहीं नजर नहीं आ रहा। कांग्रेस ने इस चुनाव में पहले से हार मान ली है। इधऱ कांग्रेस संगठन चुनावी कैंपनिंग लगातार जारी रखने का दावा कर रहा है।
कांग्रेस संगठन का कहना है कि प्रत्याशी चयन के बाद लगातार ब्लाक लेवल पर कांग्रेस की बैठकें चल रही हैं। चुनाव प्रचार को लेकर रणनीति भी तैयार है। इस चुनाव में कांग्रेस हर हाल में जीत के लिए कमर कस कर तैयार है। चुनावी नतीजे इस बात को साबित करेंगे।