SAKTI. छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में निजी जमीन के साथ सरकारी जमीन पर कब्जा कर अपार्टमेंट बनवाने में मदद करने वाले पटवारी को पुलिस ने बिलासपुर से गिरफ्तार किया है। इस कूटरचना में पटवारी की भूमिका संदिग्ध थी और वह प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से फरार था। पिछली सरकार के कार्यकाल में कई शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही थी, लेकिन सत्ता बदलते ही स्थानीय पुलिस ने एक्शन लिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता संजय रामचंद्र ने जमीन फर्जीवाड़े की शिकायत जिला प्रशासन से की थी। स्थानीय स्तर पर सुनवाई नहीं होने के बाद उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की। शिकायत में उन्होंने बताया कि सक्ती के जगदीश बंसल ने शासकीय जमीन पर कब्जा कर 24 मकानों का अपार्टमेंट और करोड़ों का आलिशान बंगला बना लिया है। सीएम सचिवालय से पत्र जाने के बाद कलेक्टर ने टीम गठित कर मामले की जांच कराई। तब फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
जांच में पता चला कि हेमलता पति जगदीश प्रसाद बंसल के नाम पर पटवारी हल्का नंबर 22 में खसरा नंबर 1316/7 में 12 डिसमिल जमीन दर्ज थी, लेकिन उसके द्वारा कूटरचना कर 3 डिसमिल जमीन को अपने नाम पर 1316/34 रकबा बनाकर अभिलेख में दर्ज करा लिया। जगदीश बसंल ने अपने आवेदन के बताया था कि नामांतरण क्रमांक 121 के माध्यम से जमीन अपने नाम पर दर्ज कराया है। जबकि तहसीलदार सक्ती की जांच में पता चला कि हेमलता पति जगदीश बंसल के नाम पर दर्ज नहीं है।
प्रशासन द्वारा सक्ती थाना में हेमलता पति जगदीश प्रसाद बंसल और तत्कालीन हल्का पटवारी कुजबिहारी बेसवाड़े के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने आवेदन दिया गया। 4 सितंबर 2021 को थाना सक्ती में हेमलता बंसल और तत्कालीन पटवारी कुंजबिहारी बेसवाड़े के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस बीच हेमलता बंसल ने गिरफ्तारी से बचने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने उसे अग्रिम जमानत दे दी थी, जबकि पटवारी फरार हो गया था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एमआर आहिरे ने बताया कि फरार पटवारी को पुलिस ने बिलासपुर के अशोक नगर स्थित उसके निवास से गिरफ्तार किया है। पटवारी बेसवाड़े को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। अब शासकीय जमीन पर बने कब्जे को लेकर राजस्व अधिकारियों के स्तर पर निर्णय होना है।