NEW DELHI. केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय से जुड़ा एक फैसला सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिया। इसके बाद केंद्र सरकार को घेरा जाने लगा. कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद जस्टिस बीआर गवई, विक्रम नाथ और संजय करोल की बेंच ने ईडी के डायरेक्टर संजय मिश्रा का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाए जाने को अवैध करार दिया।
यानी अब ईडी के निदेशक इस महीने की आखिरी तक हट जाएंगे। कोर्ट का यह फैसला नहीं आता तो मिश्रा नवंबर 2023 तक पद पर रहते। बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस और TMC नेताओं ने ईडी के डायरेक्टर को तीसरी बार सेवा में विस्तार दिए जाने के खिलाफ अर्जी दायर की थी। कोर्ट के फैसले के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को घेर लिया।
अमित शाह का विपक्ष पर पलटवार
इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए विपक्षी दलों के नेताओं को जवाब दिया। उन्होंने लिखा कि ईडी मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी मनाने वाले लोग अलग-अलग वजहों से भ्रमित हैं। सीवीसी एक्ट में जो बदलाव संसद के दोनों सदनों में पास हुए थे उनको सही ठहराया गया है।
उन्होंने आगे लिखा है कि भ्रष्ट लोगों के खिलाफ ईडी को एक्शन लेने की जो शक्तियां कानून के तहत मिली हुई हैं, वे वैसी ही रहने वाली हैं। इसलिए यह मायने नहीं रखता है कि ईडी का डायरेक्टर कौन है। जो भी व्यक्ति इस पद पर बैठेगा वह विकास विरोधी मानसिकता रखने वाले एक आरामदायक क्लब के बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार पर ध्यान देगा।
जानिए कौन हैं संजय मिश्रा
आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ संजय कुमार मिश्रा 1984 बैच के IRS अधिकारी हैं। वह इनकम टैक्स के कई मामलों की जांच में अहम भूमिका भी निभा चुके हैं। लिहाजा, उन्हें ईडी चीफ नियुक्त किया गया था, ताकि वे मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की गहराई से जांच कर सकें।
ईडी चीफ बनने से पहले वह दिल्ली में इनकम टैक्स विभाग में चीफ कमिश्नर रह चुके हैं। पहली बार 19 नवंबर 2018 को दो साल के लिए उन्हें ईडी निदेशक नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्हें नवंबर 2020 में पद छोड़ना था, लेकिन उनका कार्यकाल खत्म होने से पहले केंद्र सरकार ने उनके सेवा काल में एक्सटेंशन दे दिया था।