लोरमी। माफियाओं पर नकेल कसी गई है, पर भी धान बिचौलिए कहीं न कहीं से अवैध कारोबार को लिए माध्यम निकाल ही लेते हैं। एक मामला फिर सामने आया है। मुंगेली जिले के लोरमी तहसील अंतर्गत धान खरीदी केंद्रों में हेराफेरी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
यहां ताजा मामला धान उपार्जन केंद्र वेंकट नवागांव से सामने आया है। जहां समर्थन मूल्य पर धान बेचने न ले जाने के बावजूद टोकन जारी कर दिया गया। किसान का पासबुक दो साल से बिचौलिए के पास है।
बता दें कि नया जल्दा गांव की रहने वाली चैतकुंवर बैगा के खेत की पर्ची और पासबुक जूनापारा का बिचौलिया भाईराम ने पिछले 2 साल से रखा है। साथ ही पीड़ित वृद्ध महिला धान उपार्जन केंद्र वेंकट नवागांव में समर्थन मूल्य पर धान नहीं ले गई, इसके बावजूद उनके पर्ची के आधार पर खरीदी केंद्र के कर्मचारियों ने धान बेचने के लिए टोकन जारी कर दिया।
मामले में वृद्ध महिला ने बताया कि इस वर्ष उनके खेत मे धान की फसल नहीं हुई है। ऐसे में बिचौलिया और धान खरीदी केंद्र के कर्मचारियों ने मिलीभगत करके वृद्ध महिला की पर्ची में धान की बिक्री कर दी है, जिससे सरकार को हजारों रुपए का चूना लग रहा है।
वहीं वृद्ध महिला ने बताया कि 2 साल से जूनापारा के बिचौलिए ने झूठ बोलकर उनके खेत की पर्ची और पासबुक को रख लिया है, जिनके द्वारा धान की बिक्री की जाती है। इसके बदले में उन्हें महज कुछ रुपए दे दिया जाता है। पीड़ित वृद्ध महिला ने बिचौलिए से उनकी पर्ची और पासबुक वापस दिलाने की मांग की है।
पीड़ित वृद्ध महिला के बेटे ने बताया कि उनकी मां की पर्ची और पासबुक को बिचौलिए से मांगने पर वापस नहीं दे रहा है। जानकारी के अनुसार विस्थापित गांव नया जल्दा में 74 परिवार के लोग रहते हैं, जिनमें से अधिकत्तर किसानों की पर्ची और पासबुक को बिचौलियों के द्वारा गिरवी में रखा गया है, जिसके एवज में महज कुछ पैसे किसानों को दे दिया जाता है और मुनाफा बिचौलिया कमा रहे हैं।
मामले में लोरमी की एसडीएम मेनका प्रधान ने जांच के बाद दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कही है। इसी क्षेत्र में कुछ सप्ताह पहले भी ऐसा ही मामला सामने आया था। बिचौलिए पर कार्रवाई की गई थी। धान जप्त किया गया था।
(TNS)