भिलाई (Bhilai)। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (Swami Vivekananda Technical University) में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राजनीति, पक्षपात और मनमानी के किस्से बाहर आ रहे हैं। ताजा मामला कुलपति (Vice Chancellor) की बैठक व्यवस्था को लेकर है।
राज्यपाल (Governor) को भेजी गई एक शिकायत (Grievance) में कहा गया है कि कुलपति ने अपनी बैठक व्यवस्था किसी न्यायाधीश की तरह बना रखी है। अपने आसन को ऊंचा कर लिया है। इस तरह बैठने का अधिकार प्रॉटोकॉल के अनुसार केवल न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट को है।
शिकायत में कहा गया है कि सीएसवीटीयू CSVTU के कुलपति (Vice Chancellor) की बैठक व्यवस्था प्रशासनिक प्रोटोकॉल (administrative protocol) के विपरीत है। यहां तक कि जिला कलेक्टर भी इस तरह की बैठक व्यवस्था नहीं कर सकते, जब तक कि वे मजिस्ट्रेट की भूमिका (role of magistrate) में न हों। राज्यपाल को भी न्यायाधीश (judge) की तरह बैठक व्यवस्था करने का अधिकार नहीं है। चूंकि कुलपति न्यायाधीश नहीं हैं, ऐसे में उनकी यह बैठक व्यवस्था किसी राजशाही (monarchy) का भान कराती है।
यह शिकायत सीएसवीटीयू CSVTU के पीएचडी विभाग (PhD Department) के प्रभारी (in charge) रहे ओमप्रकाश मिश्रा ने राज्यपाल (Governor) से की है। उन्होंने मामले की जानकारी 18 नवंबर को ट्वीट कर भी दी है।
मिश्रा ने राजभवन (Raj Bhavan) को भेजी अपनी शिकायत में लिखा है कि कुलपति ने अपने कक्ष को माननीय न्यायालय के न्यायाधीशों के समकक्ष बनवाया है जो न्यायालय और न्यायाधीशों का अपमान है। माननीय राज्यपाल (Governor) व मुख्यमंत्री जी (Chief Minister), मुख्य सचिव (chief Secretary) के कार्यालय की भी बैठक व्यवस्था न्यायाधीशों के जैसी नहीं है। कुलपति को किसी भी प्रकार के न्यायालयीन और मजिस्ट्रियल अधिकार नहीं होते हैं। अत: ऐसी बैठक व्यवस्था करने का उन्हें अधिकार नहीं है। छत्तीसगढ़ के किसी भी अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपति कक्ष की बैठक व्यवस्था न्यायाधीशों जैसी नहीं है, परंतु तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति ने राजशाही बैठक व्यवस्था लागू कर राज्यपाल महोदया को भी अपमानित किया है।
एनआईटी के भवन में लगाई गई सीएसवीटीयू की राशि
मिश्रा ने शिकायत में आगे लिखा है कि कुलपति एनआईटी रायपुर के बंगले में निवास करते हैं। वहां के बंगले का किराया भी तकनीकी विश्वविद्यालय, एनआईटी को अदा करता है। इनके बंगले की साज-सज्जा पर भी लाखों रुपए खर्च किए गए हैं, जबकि यह विश्वविद्यालय की संपदा-संपत्ति नहीं है। इससे उसका लाभ भविष्य के अधिकारी को मिलेगा। यह जनता के धन का मनमाना दुरुपयोग है। मिश्रा ने राज्यपाल से कहा है कि महोदया आपसे अनुरोध है कि आप समूचे प्रकरण को संज्ञान में लेकर जांच कराएं।
हां, शिकायत की है
ओमप्रकाश मिश्रा ने जानकारी दी है कि सीएसवीटीयू के कुलपति की मनमानी व करप्शन की शिकायत मेरे अलावा और भी लोगों ने राजभवन भेजी है। मिश्रा ने बताया कि मामले में वहां से अभी तक कोई मैसेज नहीं आया है।
लोग शिकायत करते रहते हैं
सीएसवीटीयू के कुलपति एमके वर्मा ने शिकायत मामले पर कहा कि लोग शिकायत करते रहे हैं। ऐसे पचासों मामले हैं। जब शासकीय प्रक्रिया के तहत हमसे जवाब मांगा जाएगा तो जवाब देंगे। यहां व्यवस्था और नियमों के अनुसार काम होता है।
(TNS)