धमतरी (dhamtari)। भविष्य (Future) का सुखद सपना (Dream) संजोए लोगों ने अनेक तरह की कंपनियों में निवेश (investing in companies) किया। पर वे धोखाधड़ी (Fraud) का शिकार हो गए और सपना टूट गया। ऐसा ही धमतरी जिले में हुआ। करोड़ों रुपए जमा कर चिटफंड (chit fund) कंपनियों ने सुनियोजित तरीके से ठगी का कारोबार (business) किया। यहां सक्रिय रही 14 चिटफंड कंपनियों ने 1.11 लाख से अधिक निवेशकों से लगभग एक हजार करोड़ की ठगी की है। निवेशक अब रकम वापसी के लिए चक्कर काट रहे हैं।
लोक लुभावन स्कीम में फंसे लोग
इन कंपनियों के लोक लुभावन स्कीम के झांसे में आकर करीब 1 लाख, 11 हजार निवेशकों ने अपनी जमा पूंजी जमा कराया था। बाद में जब स्कीम की मियादी पूरी हो गई, तो ये कंपनियां शहर से कारोबार समेटकर गायब हो गई। ऐसा पूरे प्रदेश भर में चिटफंड कंपनियों ने करोड़ों रुपए का चूना लगाया।
राज्य सरकार की पहल से जगी उम्मीद
इस बीच राज्य सरकार (State government) ने कोरोना काल में निवेशकों की जरूरत को देखते हुए पहल की। इसके तहत जिले भर में 1 लाख 11 हजार 49 निवेशकों ने आगे आकर दावा-क्लेम किया है। सर्वाधिक आवेदन तहसील से 16 हजार 847 निवेशकों ने अपना आवेदन जमा कराया है। प्रशासन आवेदनों को सूचीबध्द करने के बाद कम्प्यूटर में एंट्री करा रहा है।
संपत्तियों की कुर्की की प्रक्रिया
धमतरी कलेक्टर ने इन कंपनियों की जब्त चल-अचल संपत्तियों की कुर्की (attachment) की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। छत्तीसगढ़ अभिकर्ता (agent
) उपभोक्ता संघ से जुड़े गगन कुंभकार, भूपेश साहू, ईश्वर पटेल आदि कई सालों से निवेशकों को उनकी राशि वापस दिलाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं।
6 एकड़ जमीन को 1.10 करोड़ में नीलाम
सूत्रों के मुताबिक धमतरी कलेक्टर (collector) ने 14 चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर उनकी चल-अचल संपत्तियों को बंधक बनाया है। इन सभी मामलों में बंधक संपत्तियों को कुर्की करने के लिए न्यायालय में एनओसी मांगा गया है। सुविधा फार्मिंग ग्राम कचना में बंधक 6 एकड़ जमीन को 1.10 करोड़ रुपए में नीलाम कर दिया गया।
यहां इतने लोग हुए ठगी के शिकार
ब्लॉक निवेशक
धमतरी 16847
कुरूद 26180
नगरी 25746
भखारा 22105
मगरलोड 20471
जिले में चिटफंड कंपनियों से राशि वापसी के लिए कुल 1 लाख 11 हजार 149 लेागों का आवेदन मिला हैं। आवेदनों को कंप्यूटर में सूचीबध्द किया जा रहा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
– ऋषिकेश तिवारी,
संयुक्त कलेक्टर
(TNS)