रायपुर। इस साल दशहरा 15 अक्टूबर को है। यानी इसी दिन रावण दहन होगा। रावण दहन देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। लेकिन कोविड को देखते हुए प्रशासन ने जो गाइड लाइन जारी की है, उसका साइड लाइन होना तय है। एक नियम सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण साबित होगा, और वह है…कार्यक्रम देखने आने वाले हर व्यक्ति का नाम-पता दर्ज करना। गाइड लाइन के अनुसार आयोजकों को हर उस व्यक्ति का नाम पता दर्ज करना होगा, जो कार्यक्रम में शामिल होने आएगा। इस नियम के पीछे तर्क ये है कि अगर उनमें से कोई कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उसे ट्रेस करने में आसानी होगी।
कोरोना के कारण इस बार के दशहरे पर भी बंदिशों की छाया दिखाई दे रही है। इस बार रावण दहन को तो मंजूरी मिल गई है, लेकिन बंदिशें ऐसी हैं, जिनका पालन होना लगभग नामुमकिन है। आयोजकों को एक रजिस्टर मेंटेन करने के लिए कहा गया है, जिसमें कार्यकम में शामिल होने वालों का नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। इसके अलावा आयोजन समितियों को सैनेटाइजर थर्मल स्क्रीनिंग, आक्सीमीटर, हेंडवॉश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार या कोरोना से संबंधित कोई भी लक्षण मिलने पर कार्यक्रम में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी आयोजकों पर डाली गई है। रावत दहन के दौरान जिस तरह की भीड़ उमड़ती है, उसे देखते हुए इन नियमों का पालन हो पाना मुश्किल ही है।
गाइड लाइन के प्रमुख बिंदु
– पुतला दहन कार्यक्रम में समिति के मुख्य पदाधिकारियों सहित स्थल की क्षमता के 50 प्रतिशत से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं होगें।
– पुतला दहन के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम, भंडारा, पंडाल की अनुमति नहीं होगी।
– आयोजन में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। मास्क व सेनेटाइजर का उपयोग करना होगा।
– रावण दहन स्थल से 100 मीटर के दायरे में बेरिकेटिंग करानी होगी।
– किसी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्र डीजे आदि की अनुमति नहीं होगी।
– किसी भी प्रकार की अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी।
– कंटेनमेंट जोन में पुतला दहन की अनुमति नहीं होगी। यदि पुतला दहन कार्यक्रम की अनुमति के बाद कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो कार्यक्रम निरस्त माना जायेगा।