KANKER NEWS. बस्तर को नक्सल मुक्त करने के सरकारी दावे के बीच नक्सलियों ने एक बार फिर दहशत फैलाने की कोशिश की है। दरअसल, स्वतंत्रता दिवस के दिन गांव में नक्सली स्मारक पर ही तिरंगा फहराने वाले छात्र की नक्सलियों ने हत्या कर दी है। इसकी ग्रामीणों ने वीडियो बनाई जो वायरल हो रही है। नक्सलियों ने उक्त छात्र पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाते हुए ग्राम संगम के पास 19 अगस्त को एक बैनर भी टांगा था, जिसमें उन्होंने बीनागुंडा के एक युवक की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। वह युवक वास्तव में छात्र है, जिसने जवाहर नवोदय विद्यालय नारायणपुर से इसी साल कक्षा 12वीं की पढ़ाई पूरी की थी।
दरअसल, जिस छात्र की हत्या हुई है अब उसका नक्सल स्मारक पर ही तिरंगा ध्वज फहराने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। स्वतंत्रता दिवस के दूसरे दिन 16 अगस्त को छात्र हत्या की गई, जिसकी लाश परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज किए बिना दफना दी। इधर, पुलिस अभी तक घटना की पुष्टि नहीं कर रही है। बेहद अंदरूनी गांव बीनागुंडा निवासी मुनेष नुरूटी ने गांव के बच्चों व कुछ ग्रामीणों के साथ गांव में ही नक्सलियों के स्मारक पर 15 अगस्त को तिरंगा फहराते हर्षोल्लास से स्वतंत्रता दिवस मनाया था। इस दौरान उनके बड़े भाई रैनू नुरूटी ने पूरे कार्यक्रम का वीडियो भी बनाया।
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नक्सलियों ने गांव में स्मारक मुठभेड़ में मारे गए अपने साथियों के लिया यह स्मारक बना रखा है। इसी स्मारक पर युवक द्वारा तिरंगा फहराना नक्सलियों को नागवार गुजरा। इसकी जानकारी नक्सलियों को लगी, तो 16 अगस्त को वे गांव पहुंचे। दोनों भाइयों को गांव से बाहर ले गए। इसके बाद उन्होंने मैनू नुरूटी को छोड़ दिया, जबकि मुनेष की हत्या कर दी। लाश को घटनास्थल पर ही फेंक दिया। परिजनों तथा ग्रामीणों ने शव को गांव लाया और पुलिस को सूचना दिए बिना गांव में ही कफन-दफन कर दिया।
इस घटना के तीसरे दिन 19 अगस्त को नक्सलियों ने ग्राम संगम के पास बैनर लगा युवक की हत्या की जिम्मेदारी लेते उस पर पुलिस मुखबिर होने का आरोप लगाया था। साथ ही पखांजूर थाना प्रभारी लक्ष्मण केंवट के साथ मिलकर नक्सलियों के खिलाफ काम करने का भी आरोप लगाया था। बैनर में पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहे अन्य लोगों को सचेत रहने चेतावनी दी गई थी। बैनर परतापुर एरिया कमेटी की ओर से लगाए गए थे। इस घटना के बाद से इलाके में दहशत है। छात्र के परिजनों द्वारा अब तक पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।
बता दें कि नक्सली हमेशा स्वतंत्रता व गणतंत्र दिवस का विरोध करते इस दिन काला झंडा फहराते है। लोगों से भी इस दिन काला झंडा फहराने कहते हैं। कई बार नक्सली स्वयं गांव के स्कूलों व अन्य शासकीय संस्थाओं में काला झंडा लगा चुके हैं। कुछ साल पूर्व तक नक्सली दहशत के चलते अंदरूनी व संवेदनशील क्षेत्रों में गणतंत्र तथा स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाता था। अब नक्सलियों के बैकफुट पर जाने से गांव गांव में गणतंत्र व स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। इस दौरान बीनागुंडा जैसे अतिसंवेदनशील गांव में नक्सली स्मारक पर तिरंगा फहराने से आक्रोशित नक्सलियों ने युवक की हत्या कर दी।