HOLIKASTAK NEWS. सनातन परंपरा में कुछ दिन ऐसे होते हैं जिनमें किसी भी तरह के शुभ कार्य को वर्जित किया गया है। ऐसा करने से हानि की संभावना जताई जाती है। ऐसे ही कुछ वर्जित दिनों की शुरुआत आज यानी 7 मार्च से हो रही है। इन वर्जित दिनों का नाम है होलिकाष्टक। हम होलिकाष्टक और इन दिनों में वर्जित किए गए कामों को इस खबर में जानेंगे।
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इस साल होलिका दहन 13 मार्च 2025 को किया जाएगा, वहीं धूलेड़ी यानी रंगों की होली 14 मार्च को खेली जाएगी। होली के आठ दिन पहले से होलाष्टक की शुरुआत होती है, जो इस वर्ष 7 मार्च 2025, शुक्रवार से शुरू हो रही है। इस दौरान कोई भी शुभ मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
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पौराणिक कथाओं के अनुसार, हिरण्यकश्यप की बहन होलिका ने प्रभु नारायण के भक्त प्रह्लाद को जलाने से पहले आठ दिन तक उन्हें बहुत यातनाएं दीं। इसलिए इन आठ दिनों को अशुभ माना जाता है।
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माना जाता है कि होलाष्टक के दौरान यानी होली से आठ दिन पहले तक सभी ग्रहों का स्वभाव उग्र रहता है। फाल्गुन माह की पूर्णिमा को होलिका दहन होता है, और उस दिन तक होलाष्टक रहते हैं। “होलाष्टक” शब्द का अर्थ है ‘होली के आठ दिन’।
होलाष्टक के दिनों में ये कार्य वर्जित
होलाष्टक के दिनों में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, मकान-वाहन की खरीदारी करना वर्जित माना गया है। फाल्गुन माह की पूर्णिमा को होलिका स्वयं जल गईं और भक्त प्रह्लाद बच गए। होलाष्टक के समय में विवाह, मुंडन, नामकरण, सगाई समेत 16 संस्कार वर्जित माने गए हैं। इस दौरान कोई भी यज्ञ, हवन आदि नहीं करना चाहिए। होलाष्टक के समय में नौकरी परिवर्तन से भी बचना चाहिए और नया व्यापार आरंभ नहीं करना चाहिए।
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