RAIPUR. छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) नए सत्र से लागू होने जा रहा है। इससे शिक्षा व्यवस्था में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे। इस बीच, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने मूल्यांकन के सिस्टम में बदलाव किया है। इस बार केंद्रीय मूल्यांकन के तहत पीएचडी व पीजी सेमेस्टर परीक्षा की कापियों की जांच की रही है। इसके लिए विवि में सेंटर बनाया गया है। इसी फार्मूले से यूजी सेमेस्टर परीक्षा की कापियों का मूल्यांकन भी होगा। यानी अब कापियों की जांच यूनिवर्सिटी में ही होगी। मूल्यांकन के लिए प्रोफेसर उन्हें घर नहीं ले जा सकेंगे।
बता दें कि कृषि विवि की सेमेस्टर परीक्षा की आंसरशीट सोशल मीडिया में कुछ महीने पहले वायरल हुई थी। इसमें एक सवाल के जवाब में छात्र ने गाना लिखा था। मामला सामने आने के बाद कृषि विवि के मूल्यांकन सिस्टम पर सवाल उठे थे। तब चर्चा में यह बात भी सामने आई कि किसी प्रोफेसर को मूल्यांकन के लिए कापियां दी गई थी, उन्होंने यह कापियां अपने स्टूडेंट्स को दी। वे ही इसकी जांच कर रहे थे। इन्हीं स्टूडेंट ने आंसरशीट को सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई।
उधर, आंसरशीट को घर ले जाकर जांचने के दौरान गोपनीयता भंग होने व अन्य अनियमितताओं की शिकायतों को देखते हुए विवि ने मूल्यांकन के सिस्टम में बदलाव किया। जानकारी के मुताबिक पीजी व पीएचडी की कापियों की जांच यूनिवर्सिटी में हो रही है। यहां रायपुर के अलावा राज्य के दूसरे जिलों के मूल्यांकनकर्ता भी कापियां जांच रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि यूजी की आगामी सेमेस्टर परीक्षा की कापियों की जांच भी केंद्रीय मूल्यांकन के तहत ही होगी। इसके लिए विवि के अलावा दूसरे जगह पर भी सेंटर बनाया जाएगा।
दरअसल, कृषि विवि की यूजी, पीजी व पीएचडी सेमेस्टर परीक्षा की कॉपियों के लिए इससे पहले मूल्यांकन का जो सिस्टम था, इसके अनुसार परीक्षा के बाद कॉलेजों से कापियां यूनिवर्सिटी में निदेशक शिक्षण के ऑफिस आती थी। यहां से फिर विषय के अनुसार संबंधित प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर समेत अन्य को भेजी जाती है। इसके अलावा कुछ कापियां बाहर भी जाती है। इसमें ही बदलाव किया गया है।