NEW DELHI NEWS. भारत को अमेरिका के बीच रिश्तों में खटास बढ़ती ही जा रही है। दरअसल, आज यानी 27 अगस्त से भारत से अमेरिका निर्यात होने वाली वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का शुल्क लगेगा जो अन्य देशों की तुलना में सबसे अधिक है। अभी यह शुल्क 25 प्रतिशत का है। इसके अलावा पारस्परिक शुल्क से पहले लगने वाले शुल्क भी लगेंगे। जैसे कार्पेट निर्यात पर अप्रैल के पहले अमेरिका के बाजार में सिर्फ 2.9 प्रतिशत का शुल्क लगता था जो अब 52.9 प्रतिशत हो जाएगा। इस शुल्क में इस बेतहाशा बढ़ोतरी से भारतीय वस्तुएं अमेरिका के बाजार में काफी महंगी हो जाएंगी और इससे भारत का 30-35 अरब डालर का निर्यात प्रभावित होगा।
इससे मुख्य रूप से समुद्री उत्पाद खासकर झींगा, आर्गेनिक केमिकल्स, अपैरल, टेक्सटाइल मेड-अप्स, हीरे व सोने के जेवरात, मशीनरी और मैकेनिकल उपकरण, फर्नीचर और बेड जैसे आइटम के निर्यात प्रभावित होंगे। फार्मा, स्मार्टफोन व अन्य इलेक्ट्रॉनिक और पेट्रोलियम उत्पाद के निर्यात को 50 प्रतिशत के शुल्क से मुक्त रखा गया है। अमेरिका कृषि, डेयरी व मत्स्य जैसे सेक्टर में भारतीय बाजार को पूरी तरह शुल्क मुक्त करवाना चाहता है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा है कि अमेरिका के इस फैसले से बड़ी संख्या में रोजगार पर संकट छा सकते हैं। गत वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने अमेरिका में 86 अरब डालर का निर्यात किया था। जीटीआरआई का अनुमान है कि इससे कुल निर्यात में 43 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के अध्यक्ष एस.सी. रल्हन के मुताबिक अमेरिका के भारी शुल्क की वजह से नोएडा, सूरत, तिरुपुर जैसी जगहों पर निर्यात यूनिट में उत्पादन में कटौती शुरू हो गई है, जिससे रोजगार पर असर पड़ेगा।
इस बीच, 26 अगस्त को प्रधानमंत्री कार्यालय में अमेरिका में बुधवार से लगने वाले 50 प्रतिशत के शुल्क के प्रभाव और आगे की रणनीति पर चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे। अमेरिका के होमलैंड सिक्युरिटी डिपार्टेमेंट के मुताबिक 26 अगस्त के रात 12 बजे से पहले शिपमेंट में जाने और 17 सितंबर से पहले अमेरिका के बाजार में पहुंचने वाली वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का ही शुल्क लगेगा। अमेरिका के बाजार में भारत का मुख्य मुकाबला चीन, वियतनाम, मैक्सिको, बांग्लादेश, इंडोनेशिया जैसे देशों से है।
इन प्रोडक्ट्स पर लगेंगे 50% टैरिफ
- झींगा- 60 प्रतिशत
- कार्पेट- 52.9 प्रतिशत
- अपैरल निटेड- 63.9 प्रतिशत
- अपैरल वूवेन- 60.3 प्रतिशत
- टेक्सटाइल मेड अप- 59 प्रतिशत
- हीरे व सोने के आइटम- 52.1 प्रतिशत
- मशीनरी- 51.3 प्रतिशत
- फर्नीचर व बेड- 52.3 प्रतिशत




































