NARAYANPUR NEWS. नारायणपुर के अबुझमाड़ के इरकभट्टी कैम्प में विकास और ग्रामीण संवाद का विशेष कार्यक्रम होने जा रहा है। देश के गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह 23 जून सोमवार को अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र अबूझमाड़ के इरकभट्टी पहुंचेंगे। यह दौरा ऐतिहासिक है, न केवल सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए अहम है, बल्कि अबूझमाड़ जैसे दुर्गम और संवेदनशील अंचल में पहली बार केंद्र सरकार के शीर्ष नेतृत्व की सीधी मौजूदगी को भी दर्शाता है।

वहीं बीते एक वर्ष पूर्व इस कैम्प को इलाके पर स्टेबलिस किया गया है । इसी दौरान माओवादियों ने कैम्प में कई बार अटैक भी किया है। इलाके के ग्रामीण माओवाद विचारधारा के चलते लंबे समय से पुलिस कैंप का विरोध भी करते नजर आए हैं, लेकिन कैंप खुलने के बाद अब वह विकास की मुख्य धारा से जुड़ते नजर आ रहे हैं।

अभूतपूर्व व्यवस्था की बात की जाए तो अमित शाह को Z+ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है। उनके दौरे को देखते हुए CRPF, BSF, ITBP छत्तीसगढ़ पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा साझा ऑपरेशन प्लान तैयार किया गया है। हेलीपैड, सड़क सुरक्षा और ASL (Advance Security Liaison) की पूरी तैयारी की जा चुकी है।

दौरे का मुख्य कार्यक्रम –
23 जून 2025 (सोमवार) को अति नक्सल प्रभावित ग्राम इरकभट्टी BSF कैम्प, में नेलनार योजना, जानकारी और यहां के अबूझमाड़िया जनजाति के आदिवासियों से सीधा संवाद को लेकर है। दोपहर 12:15 बजे हेलिकॉप्टर से इरकभट्टी कैम्प में आगमन और दोपहर 12:25 बजे नियत नेलनार ग्राम का दौरा अमित शाह करेंगे, ग्राम इरक भट्टी का भ्रमण एवं ग्रामीणों से सीधा संवाद करेंगे।

– दोपहर भोजन BSF कैम्प इरकभट्टी में जवानों के साथ भोजन भी करेंगे, जिसके बाद जवानों के साथ वाद-संवाद सत्र (BSF परिसर) में किया जाएगा। जिसमे नक्सल मोर्चे में तैनात जवानों से संवाद करेंगे। खासकर इलाके पर नक्सल ऑपरेशन में विशेष भूमिका निभा रहे जवान बस्तर फाइटर, DRG, के जवानों के साथ वे संवाद करेंगे और उनका हाल चल जानेगे। अमित शाह का यह दौरा बहुत ही ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्योंकि पहली बार अबूझमाड़ में देश के गृहमंत्री दौरा कर रहे हैं।
इस दौरे के प्रमुख उद्देश्य की बात की जाए तो अबूझमाड़ में तैनात BSF, ITBP, DRG बस्तर फाइटर के जवानों और सुरक्षा कार्यों की समीक्षा है। इसके साथ ही नियद नेल्लानर योजना से लाभान्वित स्थानीय अबूझमाड़ीया जनजाति के ग्रामीणों से सीधा संवाद है। विकास कार्यों की जमीनी हकीकत जानना, सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाना है। आदिवासी बहुल क्षेत्र में केंद्र सरकार की सीधी भागीदारी का संकेत देना है।

विशेष सुरक्षा निर्देश की बात की जाए तो, जिले में सभी सुरक्षाबलों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। संचार व्यवस्था, हेलिपैड व्यवस्था और मार्ग की ASL क्लियरेंस पूरी कर ली गई है। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और कमांडिंग ऑफिसर द्वारा सुरक्षा ब्रीफिंग की जा रही है।