SUKMA. छत्तीसगढ़ को मार्च-2026 तक नक्सलमुक्त करने के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अभियान को सुकमा जिले में बड़ी सफलता मिली। पुलिस और सीआरपीएफ के सामने 22 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया, जिसमें 40 लाख रुपये के इनामी नक्सली भी शामिल है। एक नक्सल दंपती ने भी हिंसा का रास्ता छोड़ सरेंडर किया है। सभी नक्सली माड़ डिवीजन एवं नुआपाडा डिवीजन में एक्टिव थे। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 9 महिलाएं और 13 पुरुष शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ में फोर्स के आक्रमक मूवमेंट, नक्सलवादी सरेंडर नीति और नियद नेल्लानार योजना से प्रभावित होकर नक्सलियों ने सरेंडर किया है। नक्सल क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के कैम्प खोलने से नक्सली घबराये हुए हैं।
सरेंडर करने वाले नक्सलियों पर 1 पुरुष, 1 महिला नक्सली पर 08- 08 लाख, 1 पुरुष, 1 महिला नक्सली पर 5-5 लाख, 2 पुरुष, 5 महिला 2- 2 लाख, 1 पुरुष नक्सली पर 50 हजार का इनाम घोषित है। सरेंडर करने वाले नक्सलियों पर कुल 40 लाख 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है। यह सभी नक्सली फोर्स को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं में भी शामिल रहे हैं।
एनकाउंटर में मारे जाने का डर
छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल मुक्त ग्राम पंचायत को 1 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। वहीं हथियार लेकर सरेंडर करने वाले नक्सलियों को इनाम भी दिया जा रहा है।

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नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों के मूवमेंट से नक्सली घबराए हुए हैं। आने वाले दिनों नक्सल ऑपरेशन में और तेजी आने की बाते कही जा रही है। मुठभेड़ में मारे जाने के डर से नक्सली सरेंडर कर रहे हैं। नक्सलियों के सरेंडर में जिला बल, डीआरजी सुकमा, सीआरपीएफ की विशेष भूमिका रही है।
सुरक्षा कैंप खोले जाने से दहशत
बता दें कि एक दिन पहले बीजापुर में अलग-अलग एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान कुल 22 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया था। फोर्स के जवान अभी दंतेवाड़ा, बीजापुर सीमा पर सक्रिय है। दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले में लगातार नक्सल ऑपरेशन चल रहे हैं, जिसमें कई नक्सली भी मारे जा रहे हैं। अति संवेदनशील और बीहड़ जंगलों में सुरक्षा कैंप खोले जाने और पुलिस के बढ़ते प्रभाव से नक्सलियों में दहशत है। नक्सली इसे लेकर कई बार पत्र भी जारी कर चुके हैं।